बालिका गृह की बच्चियों की मौत मामले में फंस सकती कई अफसरों की गर्दन Muzaffarpur News
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने तेज की कार्रवाई। अहियापुर से भेजे गए बयान पर नगर पुलिस ने दर्ज नहीं किया केस।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह की 11 बच्चियों की मौत मामले की जांच में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कहा गया है कि सीबीआइ अगर मामले में 302 के तहत चार्जशीट दायर करती है तो कई लोगों को हवालात की हवा खानी पड़ेगी। साक्ष्य नष्ट करने में कई पुलिस पदाधिकारी भी घेरे में आएंगे। बता दें कि पूरे मामले की मॉनीटङ्क्षरग सुप्रीम कोर्ट कर रही। सीबीआइ को तीन महीने का समय दिया गया था। जबकि, जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया गया था। इसको लेकर सीबीआइ ने तेज गति से कार्रवाई तेज कर दी है। जांच में सीबीआइ को चार बच्चियों की मौत का साक्ष्य मिलने की बात सामने आई है। लेकिन, अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। बताया गया कि बच्ची की मौत मामले में अहियापुर पुलिस द्वारा बयान दर्ज किया गया था, लेकिन बयान नगर थाने में आने के बाद भी कांड अंकित नहीं किया गया। इसके कारण तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इसके तहत मामले में वरीय पुलिस अधिकारी द्वारा विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बता दें कि बालिका गृह में यौन हिंसा मामला सामने आने के बाद जब फाइल खंगाली गई तो बच्चियों की मौत का मामला सामने आया। इसके बाद जांच में पता चला कि उस समय के थानेदार अवकाश में थे। एक दारोगा प्रभार में थे। इसको लेकर दारोगा व मुंशी पर कार्रवाई की जाएगी।
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