मतदाता सूची उपलब्ध होने के साथ सामने आने लगी कई गड़बडिय़ां
नरकटियागंज क्षेत्र के मतदाता सूची में सामने आई गड़बड़ी। नए वोटरों को जोडऩे आदि का चलता रहा अभियान। गड़बडिय़ों के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग से रह जाएंगे वंचित।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। मतदाता सूची उपलब्ध होते ही उससे जुड़ी कई गड़बडिय़ां सामने आने लगी है। कई नए वोटरों के नाम नहीं जुडऩे से उनमें मायूसी है तो कई ऐसे वोटर हैं। जो अपने निर्धारित बूथ से दूर किसी अन्य गांव और वार्डों के मतदाता सूची में शामिल कर दिए गए हैं। बताया जाता है कि बूथ लेवल अधिकारियों को काफी समय पहले से इस कार्य के लिए लगाया गया। मृत अथवा विस्थापित हुए मतदाताओं के नाम की छंटनी करने के साथ-साथ निर्धारित उम्र पाने वाले नए मतदाताओं को जोडऩे का कार्य किया गया।
मतदाता सूची में अंकित मतदाताओं के नाम, उम्र आदि से संबंधित सुधार भी किए गए। कोई मतदाता छूटे नहीं और निर्धारित उम्र प्राप्त करने वाले मतदाताओं को उसमें शामिल कर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी प्रशासन बार-बार आदेश निर्देश जारी करता रहा। इस अभियान में बीएलओ की मैराथन बैठक भी होती रही। बावजूद इसके कई जगहों से गड़बडिय़ां सामने आ रही है। जिससे कई मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने अधिकार के प्रयोग से वंचित रह जाएंगे।
बानगी के तौर पर नरकटियागंज प्रखंड के मुरली गांव स्थित बूथ नंबर 170 के मतदाता सूची में उज्जवल दुबे पिता शेख चंद्र दुबे, अरमान मियां पिता मोहब्बत मियां, जयप्रकाश मिश्र पिता कन्हैया मिश्र, ङ्क्षरकी देवी पति भूषण दास, पुनीता देवी पति कमलेश गुप्ता, मिथिलेश कुमार कुशवाहा पिता रामायण महतो, रानी देवी पति राजकिशोर मांझी समेत 10-12 ऐसे मतदाताओं के नाम अंकित है। जो ना तो इस गांव के रहने वाले हैं और ना ही यहां इस नाम का कोई मतदाता है।
लोगों का कहना है कि इस नाम का कोई मतदाता गांव में नहीं है, जबकि मतदाता सूची में जुड़कर पहली बार अपने अधिकार का उपयोग करने की प्रत्याशा में रहे हैपी राज समेत यहां के कई नए वोटरों का नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया। बूथ नंबर 150 से जुड़े मतदाताओं के परिवार में पति और पत्नी को दो अलग-अलग और दूर स्थित बूथों पर मतदाता सूची में अंकित कर दिए गए है। युक्तिकरण कार्य में भी कुछ गड़बडिय़ां सामने आई है।
नगर परिषद क्षेत्र के कई मतदाताओं ने बताया कि मतदान केंद्र रेलवे प्रवेशिका प्लस टू विद्यालय और ब्लॉक रोड स्थित जानकी संस्कृत विद्यालय से संबंधित केंद्रों के मतदाताओं को इस बार इधर से उधर और अधिक दूरी तय कर मतदान केंद्र पर पहुंचना होगा। जानकार बताते हैं बीएलओ से लेकर मतदाता सूची में नाम व सुधार संबंधित कार्यों को एंट्री करने तक के कार्यों में थोड़ी बहुत गड़बडिय़ां होते होते कई मतदाताओं के लिए उन्हें सूची से वंचित होने के रूप में बदल दिया है।
हालांकि कई बीएलओ ने बताया कि हम लोगों ने सूची भेजी। मगर ऊपर से ही उसे नहीं जोड़ा गया। जिससे यह कुछ मतदाताओं के साथ यह स्थिति बनी है। उल्लेखनीय है कि जगह-जगह रैलियां निकाल कर और बैठकों को आयोजित कर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि कई नए वोटर इस सूची से वंचित रह गए हैं। और नहीं तो कुछ मतदाताओं के नाम अलग-अलग बूथों से जुड़े मतदाता सूची में शामिल कर देने से उनके सामने ढूंढने की चुनौती खड़ी हो गई है।
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