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बिहार में खुलेआम नक़ल की सबसे ताज़ा तस्वीर: पढ़िए, देखिए और शर्म से सिर झुका लीजिए

बिहार में शिक्षा व्यवस्था का अद्भुत ताजा नमूना फिर से दिखा है। मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में बीए पार्ट टू के प्रैक्टिकल की परीक्षा का वीडियो वायरल हो रहा है, जो शर्मसार करने वाला है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 04:47 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 10:12 PM (IST)
बिहार में खुलेआम नक़ल की सबसे ताज़ा तस्वीर: पढ़िए, देखिए और शर्म से सिर झुका लीजिए
बिहार में खुलेआम नक़ल की सबसे ताज़ा तस्वीर: पढ़िए, देखिए और शर्म से सिर झुका लीजिए

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती ताजा तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आपका सिर शर्म से झुक जाएगा। शिक्षा व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती ये तस्वीर क्या बिहार के सम्मान पर कलंक की तरह नहीं? इन तस्वीरों में बिहार की कौन सी छवि दिख रही? क्या ये विकास है जो बिहार में हो रहा है?  हर साल एेसी तस्वीरें किस बिहार की छवि को दिखाती हैं? क्या इस तस्वीर को देखकर कोई बिहार के छात्रों का सम्मान कर पाएगा? ये तमाम तरह के प्रश्न हैं जो साल-दर-साल बिना जवाब के सामने आ जाते हैं...

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शर्मसार करती ताजा तस्वीर मुजफ्फरपुर के एलएस कॉलेज की है

बिहार को शर्मसार करती ताजा तस्वीर मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज के बीए द्वितीय वर्ष के प्रैक्टिकल की हो रही परीक्षा के परीक्षाहॉल की है, जहां प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान छात्र जमकर नकल कर रहे हैं, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं, कॉलेज प्रशासन इससे अनजान बना रहा। अब आप ही बताएं क्या इस क्लास के छात्र नकल कर वो भी प्रैक्टिकल की परीक्षा में नकल कर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को कलंकित नहीं कर रहे? 

किताब-कॉपी, मोबाइल से नकल कर रहे छात्र 

इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कैसे मुजफ्फरपुर के एलएस कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा चल रही है और इस दौरान छात्र खुलेआम टेबल पर किताब रखकर मोबाइल और किताबों से नकल करते नजर आ रहे हैं। अगर इससे भी बात नहीं बन रही है तो अपने अगल-बगल के छात्रों के पास बैठकर उनकी किताबों और कॉपियों से नकल कर रहे हैं और शिक्षक इन सबसे अनजान बने हुए हैं।

वायरल वीडियो में छात्रों को नकल करते साफ-साफ देखा जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन पूरे मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। 

कोई भी, कुछ भी बताने से बचता रहा

प्रशासनिक पदाधिकारी या शिक्षा विभाग के लोग भी इसपर चुप्पी साधे हुए हैं। बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। चाहे मैट्रिक के परीक्षा में छात्रों के पेपर चोरी का मामला हो या इंटर परीक्षा में गड़बड़ी का और इस वीडियो के सामने आने के बाद एक बार फिर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। 

परीक्षा जिसमें नकल करने के साथ कुत्ता भी बैठा पास 

पिछले साल भी एक एेसी ही तस्वीर वायरल हुई थी जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े किए थे। वह तस्वीर थी वीर कुंवर सिंह विशवविद्यालय की जहां स्नातक पार्ट टू की परीक्षा में जो तस्वीर सामने आयीं, उससे न सिर्फ कदाचारमुक्त परीक्षा का माखौल उड़ा बल्कि परीक्षा अधिनियम भी तार-तार हो गये।स्नातक पार्ट टू की परीक्षा में आलम यह रहा कि खुलेआम किताब खोलकर परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे, तो कहीं जानवर और परीक्षार्थी का फर्क मिट गया था।

वो तस्वीरें जिन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी छवि को किया धूमिल

बिहार में बोर्ड परीक्षा की इस तस्वीर ने राष्ट्रीय ही नहीं अतंरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार की एक गंभीर और पुरानी समस्या को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया था, जिसके बाद बिहार की काफी बदनामी हुई थी। इस तस्वीर में एक परीक्षा केंद्र के अंदर बैठे छात्रों की मदद के लिए उनके अभिभावक और दोस्त  दीवार पर चढ़ते हुए दिखे थे। इस तस्वीर के सामने आने के बाद इस अव्यवस्था की पड़ताल शुरु हुई और मुख्यमंत्री ने इसपर कड़ा रूख दिखाया था। 

बीए पार्ट थ्री की परीक्षा का वीडियो वायरल-जहां मन बैठो, जितनी चाहो नकल करो

तिलकामांझी विश्वविद्यालय की पार्ट-3 परीक्षा की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए थे जिसमें एक तरफ जमीन पर बैठकर परीक्षा देने वालों की कमी नहीं थी तो स्टडी टेबल पर बैठकर आराम से नकल कर रहे छात्रों के चेहरे पर ऐसी व्यवस्था के खिलाफ कोई शिकन नहीं दिखी थी। एेसी तस्वीरें सामने आने के बाद टीएनबी लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके पांडेय ने कहा था कि सभी छात्र जबरन तय जगह से अलग बैठ गए। 

एेसी तस्वीरें और वीडियोज हर साल सामने आती हैं। ये हाल शिक्षा व्यवस्था पर कुठाराघात है। एेसे छात्र नकल कर पास तो कर जाते हैं लेकिन इनका भविष्य क्या होता होगा? दूसरी ओर बिहार बोर्ड की बात करें तो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में हुए कदाचार की बात अभी पुरानी नहीं हुई है।
शिक्षा के नाम पर घोटाला, खरीदी गई डिग्री, एेसी शिक्षा देकर अभिभावक या सरकार बच्चों के भविष्य को अंधकारमय नहीं बना रहे? हर साल दावे किये जाते हैं कि परीक्षा कदाचार मुक्त होगी। लेकिन हर साल शिक्षा व्यवस्था विवादों से घिर जाती है? एेसा विकास किस काम का जो आने वाले भविष्य का सही निर्माण ना कर सके। इसमें इन छात्रों की ज्यादा गलती नहीं, व्यवस्था की गलती है। 


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