Move to Jagran APP

मिला अवसर, लॉकडाउन में और निखरी मधुबनी पेंटिंग, हुनर ने नहीं होने दिया बोर Madhubani News

लॉकडाउन में फुर्सत मिलने के कारण जल्द पूरा हो रहा पेंटिंग बनाने का काम। ’अधिक डिमांड वाली पेंटिंग बनाकर रख रहे कलाकार लॉकडाउन के बाद होगी बेहतर आय।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 07:22 PM (IST)
मिला अवसर, लॉकडाउन में और निखरी मधुबनी पेंटिंग, हुनर ने नहीं होने दिया बोर Madhubani News
मिला अवसर, लॉकडाउन में और निखरी मधुबनी पेंटिंग, हुनर ने नहीं होने दिया बोर Madhubani News

मधुबनी, सुनील कुमार मिश्र। कल्पना सिंह कोहबर बना रही हैं। कपड़े पर बड़े साइज के इस कोहबर को बनाने में 15 दिनों का समय लगता था। मगर, लॉकडाउन में यह एक सप्ताह में पूरा होने के करीब है। कुछ इसी तरह मिथिलेश मिश्र ने 20 से 25 दिनों में तैयार होने वाली फुलपेज पेंटिंग को दो सप्ताह में पूरा कर लिया। ये मधुबनी पेंटिंग से जुड़े कलाकार हैं। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन ने इन कलाकारों को बेहतर अवसर दिया है।

loksabha election banner

जिले में मधुबनी पेंटिंग से जुड़े कलाकार अमूमन दूसरे काम से बचे समय में ही इसपर ध्यान दे पाते थे। अब घर पर ही समय देने से ये कलाकार ठंडे दिमाग से अपनी कल्पनाशीलता को कूची से कागज व कपड़ों पर उतारने में लगे हुए हैं। रंगों का भी बेहतर संयोजन कर पा रहे हैं। इससे बेहतर पेंटिंग बन रही है। इनका मकसद है कि लॉकडाउन का सार्थक उपयोग कर अधिक डिमांड वाली पेंटिंग को तैयार कर रख लें। ताकि बेहतर आमदनी हो सके।

हुनर ने नहीं होने दिया बोर

मधुबनी पेंटिंग की सिद्धहस्त कलाकार रानी झा कहती हैं, यदि मधुबनी पेंटिंग का हुनर नहीं जानती तो घर में बैठे-बैठे बोर हो जाती। लेकिन, पेंटिंग ने लॉकडाउन को महसूस नहीं होने दिया। हां, कागज व रंग की कमी जरूर महसूस हो रही है। फिर भी जो साधन उपलब्ध हैं उसमें शांतभाव से पेंटिंग बनाने में लगी हूं। कागज के साथ कपड़ों पर सृजनशीलता के साथ पेंटिंग बना रही हूं। स्वाति कश्यप कहती हैं कि पहले बमुश्किल दो से तीन घंटे समय देती थीं। अभी काम में एकाग्रता है। नेशनल अवार्डी यमुना देवी की बहू इंदू देवी बताती हैं कि लॉकडाउन के बाद घर से बाहर नहीं जातीं। पिछले 21 दिनों में छह पेंटिंग बना चुकी हूं। सामान्य दिनों में दो-तीन के आसपास यह संख्या रहती थी।

 जिले में जितवारपुर को क्राफ्ट विलेज के रूप में सरकार मान्यता दे चुकी है। यहां की कलाकार सुशीला देवी व समाले देवी को लॉकडाउन में थोड़ी अहजता महसूस हुई। बाहर कोई काम नहीं कर पाईं। मगर, मधुबनी पेंटिंग व क्राफ्ट का काम सहारा बना। बंद हुई आय की भरपाई हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.