दाखिल-खारिज फर्जीवाड़ा में लोकायुक्त सख्त,डीएम व एसएसपी को किया तलब
दैनिक जागरण ने मामले का किया था पर्दाफाश, मुशहरी के तत्कालीन सीओ नवीन भूषण। लोकायुक्त ने भी कराई थी मामले की जांच, डीएम ने डीसीएलआर पूर्वी को किया अधिकृत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुशहरी अंचल में दाखिल-खारिज में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा मामले में लोकायुक्त ने डीएम व एसएसपी को तलब किया है। इन अधिकारियों को बुधवार को सुनवाई के दौरान उपस्थित होने को कहा गया था। डीएम मो. सोहैल ने इस मामले में डीसीएलआर पूर्वी स्वपनिल को अधिकृत कर दिया है।
मालूम हो कि मुशहरी अंचल में आरटीपीएस से दाखिल-खारिज के ऐसे दर्जनों आवेदन मिले थे जिसमें फर्जीवाड़ा किया गया था। आवेदक कोई और तो दाखिल-खारिज किसी अन्य की कर दी गई। यह इसलिए किया गया ताकि, बड़ी कीमत लेकर किसी को फायदा पहुंचाया जाए। दैनिक जागरण ने यह मामला सामने लाया था। इसके बाद तत्कालीन डीएम धर्मेंद्र सिंह ने इसकी जांच कराई।
तत्कालीन डीसीएलआर पूर्वी मो. शाहजहां की जांच में भी फर्जीवाड़ा साबित हुआ। मगर, दोषी सीओ नवीन भूषण के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट नवीन भूषण ने परिवादी सुरेश कुमार पर ही प्राथमिकी दर्ज करा दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकायुक्त ने अपने स्तर से मामले की जांच कराई। लोकायुक्त सचिव व लोकायुक्त के विजिलेंस एसपी ने इसकी जांच की। इसमें नवीन भूषण पर लगे कई आरोप सही पाए गए।
रिपोर्ट के अनुसार नवीन भूषण ने सरकारी जमीन की बड़े पैमाने पर दाखिल-खारिज कर दी। इसके लिए कर्मचारी की रिपोर्ट पर ही आदेश जारी किया गया। जबकि सीओ को विस्तृत रिपोर्ट मांगनी चाहिए थी। जांच टीम ने सरकारी जमीन की जमाबंदी मामले में सीओ को दोषी पाया।
जांच में यह बात भी सामने आई कि जिन आवेदनों को पहले अस्वीकृत कर दिया गया था उसे बाद में स्वीकृत कर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि नवीन भूषण को अपने ही आदेश का पुनरीक्षण करने का अधिकार नहीं था। इस मामले में भी वे दोषी पाए गए।
टीम ने आरटीपीएस से दाखिल-खारिज किए गए करीब दस उन दस्तावेजों की जांच की। इसमें पाया गया कि जिस व्यक्ति के नाम से वाद संख्या पारित कर आवेदन को स्वीकृत किया गया उसकी जगह दूसरे लोगों की जमीन की दाखिल-खारिज कर दी गई।
जांच के घेरे में 23 हजार मामले
मुशहरी में दाखिल-खारिज के मामले में फर्जीवाड़ा को देखते हुए नवीन भूषण के कार्यकाल के सभी आदेश जांच के घेरे में हैं। हालांकि, वर्तमान सीओ नागेंद्र कुमार ने इन सभी आवेदनों की जांच को लेकर हाथ खड़ा कर दिया। कहा गया कि इसके लिए कर्मचारी नहीं हैं।