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पूर्वी चंपारण के लीची किसानों ने सरकार से फसल क्रय-विक्रय के लिए की बाजार की उठाई मांग

East Champaran News लीची किसानों ने सरकार से लीची क्रय विक्रय हेतु बाजार की व्यवस्था करने की मांग की है। किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अमर ने बताया कि कोविड 19 को लेकर देश के कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 05:42 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 05:42 PM (IST)
पूर्वी चंपारण के लीची किसानों ने सरकार से फसल क्रय-विक्रय के लिए की बाजार की उठाई मांग
लीची किसानों ने सरकार से फसल क्रय-विक्रय के लिए की बाजार की उठाई मांग।

मेहसी (पूर्वी चंपारण), जासं। लीची किसानों ने सरकार से लीची क्रय विक्रय हेतु बाजार की व्यवस्था करने की मांग की है। किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अमर ने बताया कि कोविड 19 को लेकर देश के कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है। जिसमे मेहसी के सर्वाधिक शाही लीची का खपत वाला राज्य भी शामिल है। लॉक डाउन के कारण वहां के खरीददार यहां आए ही नहीं। जिससे लीची की बिक्री नहीं हो पाई। पूर्व की भांति इस बार भी बड़े पैमाने पर लीची व्यवसाय को प्रभावित होने की संभावना प्रबल हो गई है। ऐसे में उत्पादित होने वाले इस कच्चे फसल के बिक्री की व्यवस्था अगर सरकारी स्तर पर नही की गई तो यहां के किसान व व्यपारियों पर पडऩे वाले आर्थिक बोझ से उन्हें बचाया नहीं जा सकेगा।

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 इतना ही नहीं प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के बाद जो भी फसल बचे हुए हैं। अगर उसकी बिक्री की व्यवस्था कर दी जाती है तो आंशिक ही सही किसान, व्यापारी, मजदूर, हार्डवेयर व्यवसायी, बक्सा उत्पादक मजदूर आदि राहत की सांस ले सकेंगे। श्री अमर का कहना है कि मेहसी क्षेत्र के एक मात्र नगदी फसल के रूप में लीची यहां के किसान, व्यापारी व मजदूरों के आर्थिक समृद्धि का मजबूत स्तम्भ बन कर खड़ा रहा है। उपरोक्त ङ्क्षबदुओं की ओर जिला प्रशासन और बागवानी विकास बोर्ड का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने मांग किया कि जिस प्रकार सरकार ने सब्जी विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन सब्जी बिक्री का मार्ग प्रशस्त किया है। उसी प्रकार लीची व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए बाजार और माल ढुलाई के वास्ते पूर्व से ही सुगम रास्ता निकालने का प्रयास करे, जिससे मेहसी और जिले के लीची उत्पादक किसानों को सबलता प्रदान किया जा सके। सरकार स्वयं यहां के लीची उत्पाद की उचित कीमत तय कर खरीददारी करे व बाजार उपलब्ध करवाए। ताकि किसानों को होने वाले क्षति की भरपाई किया जा सके। 


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