Move to Jagran APP

अयोध्या की तरह रामायण सर्किट में शामिल सीतामढ़ी को भी पर्यटन से उम्मीद

रामायण सर्किट में शामिल माता सीता की जन्मस्थली के विकास के लिए हो रहे कई कार्य। 48.53 करोड़ किए जा रहे खर्च पर्यटकों की संख्या बढऩे के साथ रोजगार का मिलेगा अवसर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम पहुंचकर शिलान्यास किया था।

By Ajit kumarEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:43 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:28 PM (IST)
अयोध्या की तरह रामायण सर्किट में शामिल सीतामढ़ी को भी पर्यटन से उम्मीद
केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 1.60 करोड़ से दो धर्मशालाओं का निर्माण कराया गया है।

सीतामढ़ी, जासं। मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी में पर्यटन को रफ्तार मिलेगा। साथ ही रोजगार बढ़ेगा। यहां विकास के कई कार्य चल रहे हैं। कुछ वर्षों में यहां भी अयोध्या की तरह पर्यटन का विकास होने की उम्मीद है। पर्यटन विस्तार के लिए वर्ष 2018 में पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथपाकड़ को रामायण सर्किट में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम पहुंचकर शिलान्यास किया था। रामायण सर्किट के तहत 48.53 करोड़ की योजना बनी थी। इसमें 37 करोड़ 85 लाख 74 हजार रुपये केंद्र और 10 करोड़ 67 लाख 67 हजार राज्य सरकार को देना है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया। केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 1.60 करोड़ से दो धर्मशालाओं का निर्माण कराया गया है। वहीं, पार्क का विकास कराया जा रहा है। मंदिरों की दीवारों को मधुबनी पेंङ्क्षटग से सजाया जा रहा है। जानकी मंदिर के विकास के लिए महंत कौशल किशोर दास ने जमीन दान दी है। मंदिर का विकास होने से यह क्षेत्र पर्यटन में छाप छोड़ेगा।

loksabha election banner

रामायण सर्किट का काम पूरा होने पर बढ़ेंगे पर्यटक

सीतामढ़ी का महत्व अयोध्या के समतुल्य है। अयोध्या से जनकपुर जाने वाले तमाम पर्यटक और श्रद्धालु पुनौरा धाम में मत्था टेकने जरूर पहुंचते हैं। जानकी मंदिर में ही प्रतिदिन विभिन्न राज्यों के 300 पर्यटक पहुंचते हैं। रामायण सर्किट का काम पूरा होने पर यह संख्या पांच हजार तक पहुंच सकती है। सांसद सुनील कुमार पिंटू बताते हैं कि पुनौरा धाम का विकास कराया जा रहा है। अभी कई और काम होने हैं। आने वाले समय में इस स्थान का भी वही महत्व होगा जो अयोध्या का है। सीतामढ़ी अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा। धर्मशाला निर्माण के बाद पर्यटकों के ठहराव की व्यवस्था हो गई है। उधर, मंदिर परिसर व आसपास में छोटी-बड़ी 50 दुकानें हैं। 300 से अधिक लोगों की आजीविका मंदिर से जुड़ी है। अगर यहां पर्यटन का विकास होता है तो पांच हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.