अधिवक्ता खुर्रम हत्याकांड के चार दोषियों को आजीवन कारावास, छुरा मार कर दी गई थी हत्या Muzaffarpur News
15 हजार रुपये भी देना होगा जुर्माना पूर्व उप महापौर निशारूद्दीन उर्फ छोटे का भतीजा था खुर्रम। 2011 के आठ अप्रैल को करबला मोहल्ला में अधिवक्ता की छुरा मार कर दी गई थी हत्या।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर थाना क्षेत्र के करबला निवासी अधिवक्ता मो.जर्रेयाब उर्फ खुर्रम हत्याकांड में चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सजा पाने वालों उसी मोहल्ला के अब्दुल रसीद, उसकी पत्नी खैरून निशा, बड़ा भाई अब्दुल हफीज व पुत्र मो.अली है। चारों को 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। इसमें हत्या के दोषी मामले में सभी को दस हजार जुर्माना देना होगा। जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
वहीं जानलेवा हमला में जुर्माना की राशि पांच हजार होगी। यह राशि नहीं देने पर चार माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। तीन दिन पहले मामले के सत्र-विचारण के बाद फास्र्ट ट्रैक कोर्ट संख्या- एक के न्यायाधीश केपी सहाय ने हत्या व जानलेवा हमला सहित अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था।
यह है मामला
घटना आठ अप्रैल 2011 की रात आठ बजे करबला मोहल्ले में घटी। खुर्रम के चाचा व नगर निगम के पूर्व उपमहापौर निशारूद्दीन उर्फ छोटे ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस रात वे एक बैठक से घर लौटे थे। अब्दुल रसीद की बहन राबिया खातून उनके पास आई और बोली कि उसका भाई, भौजाई व भतीजे ने उसे घर से निकाल दिया है। वे अपने भतीजे जर्रेयाब उर्फ खुर्रम के साथ अब्दुल रसीद व उसके परिजनों को समझाने गए।
आरोपितों ने उनलोगों को घेर लिया। खुर्रम पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करने लगा। उसे बचाने पहुंचे मो.गौस याकूबी, मो.नयाब याकूबी व मो.निमाई याकूबी को भी चाकू घोंप गंभीर रूप से घायल कर दिया। निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने के क्रम में खुर्रम की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य घायलों का लंबे समय तक इलाज चला।