शादी से इंकार पर आगबबूला हो उठा था प्रेमी, किया ऐसा काम कि अब जेल में कटेगी पूरी जिंदगी
पश्चिम चंपारण में सगी बहनों को जिंदा जलाने में दो को आजीवन कारावास, पचास-पचास हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बेतिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017 में हुई एक लोमहर्षक घटना के संबंध में कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है। इसमें एकतरफा ही वह उसके साथ अपनी दुनिया बसाने का सपने देखने लगा था। कई अरमान पाल लिए थे। न जाने क्या -क्यास ख्वाब सजा लिए, किंतु जब सच से सामना हुआ तो वह आगबबूला हो गया। शादी से इंकार की बात वह सहन नहीं कर सका और प्रतिशोध की ताक में रहने लगा था।
मामले के लोक अभियोजक अरविंद सिंह ने कहा कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला 19 अप्रैल 2017 को दो बेटियों के साथ पड़ोसी के घर आयोजित शादी समारोह में शामिल होने गई थी। बारात चले जाने के बाद तीनों घर आईं। दोनों बेटियां अलग कमरे में सो रही थी। रात करीब दो बजे बेटियों के कमरे से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी। दूसरे कमरे से दौड़कर मां पहुंची तो देखा कि दोनों के शरीर में आग लगी थी। आग की लपट में देखा कि नवनील नीरज और सुनील कुमार समेत चार-पांच लोग भाग रहे थे। महिला ने मशक्कत से आग बुझाई। तब तक एक बेटी की मौत हो चुकी थी। जबकि, दूसरी को एमजेके अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों ने पटना रेफर कर दिया। लेकिन, मोतिहारी पहुंचने से पूर्व ही उसकी भी मौत हो गई थी। घटना का कारण एक बेटी का मुख्य आरोपित के शादी से इन्कार करना था। नवनील नीरज उस पर दबाव बना रहा था। पूर्व में भी नवनील नीरज ने मां-बेटी को चाकू से जख्मी कर दिया था। इस बाबत मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज थी। 18 अप्रैल को नवनील नीरज ने उक्त महिला को फोन कर केस नहीं उठाने पर जान मारने की धमकी दी थी। 19 अप्रैल को घटना को अंजाम दे दिया।
सगी बहनों को जिंदा जलाने के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए जिला जज अभिमन्यु लाल श्रीवास्तव ने दो अभियुक्तों को दोषी पाया। बहस सुनने के बाद शनिवार को न्यायाधीश ने दोषसिद्ध सजायाफ्ता नवनील नीरज और सुनील कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों को 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी देने का आदेश दिया है।