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फर्जीवाड़े से बनाए जा रहे लाइसेंस, जानिए क्या है मामला

नगालैंड के कई जिले में अधिकारियों के फर्जी दस्तखत से आ‌र्म्स लाइसेंस जारी हो रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 11:49 AM (IST)
फर्जीवाड़े से बनाए जा रहे लाइसेंस, जानिए क्या है मामला
फर्जीवाड़े से बनाए जा रहे लाइसेंस, जानिए क्या है मामला

मुजफ्फरपुर। नगालैंड के कई जिले में अधिकारियों के फर्जी दस्तखत से आ‌र्म्स लाइसेंस जारी हो रहे। यह रैकेट कई राज्यों में सक्रिय है। जो दूसरे राज्य के लोगों का आ‌र्म्स लाइसेंस नगालैंड से जारी कर देते। एजेंट व कार्यालय के क्लर्क की मिलीभगत से ढाई लाख रुपये में लाइसेंस बनाया जा रहा। इस तरह के लाइसेंस बनवाने वालों में हिस्ट्रीशीटर भी शामिल हैं। राजस्थान व नगालैंड पुलिस द्वारा रैकेट के पकड़े जाने के बाद केंद्रीय गृह विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके आलोक में राज्य के गृह विभाग ने डीएम व एसएसपी को भी सचेत करते हुए इसपर नियंत्रण करने का निर्देश दिया है।

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राजस्थान पुलिस ने पिछले वर्ष नगालैंड के दीमापुर जिले से जारी फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस के मामलों को पकड़ा। बीकानेर के नयाशहर थाने में हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज दीपक अरोड़ा व जावेद खान के पास ऐसे लाइसेंस मिले। इसके बाद जिले में अभियान चलाया गया। इसमें तीन और फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस मिले जो नगालैंड से जारी किए गए थे। सभी को गिरफ्तार कर प्राथमिकी दर्ज की गई।

पहले भी फर्जीवाड़ा का मामला आया था सामने

गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नगालैंड के जुन्हेबोटो जिले से बड़ी संख्या में फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस जारी किए थे। राजस्थान व गुजरात पुलिस ने जांच में पाया था कि यहां से जो आ‌र्म्स लाइसेंस जारी किए गए उसका रिकॉर्ड ही नहीं था। इसके अलावा सोम, वोखा, मोकोकचुंग, कोहिमा आदि जिले से भी इस तरह के लाइसेंस जारी किए जा रहे। जिले के कई थानों में भी नगालैंड से जारी लाइसेंस

जिले के कई थानों में भी ऐसे लाइसेंस हैं जिसे नगालैंड से जारी किया गया है। इसकी जांच को लेकर सरकार ने निर्देश जारी किया है। नगर, मनियारी समेत कई थाने के लोगों के पास ये लाइसेंस हैं। इसकी जांच की जानी है कि इसकी इंट्री यहां कराई गई है अथवा नहीं। अपडेट-7 बजे-फर्जी दस्तखत से जारी हो रहे आ‌र्म्स लाइसेंस मुजफ्फरपुर। नगालैंड के कई जिले में अधिकारियों के फर्जी दस्तखत से आ‌र्म्स लाइसेंस जारी हो रहे। यह रैकेट कई राज्यों में सक्रिय है। जो दूसरे राज्य के लोगों का आ‌र्म्स लाइसेंस नगालैंड से जारी कर देते। एजेंट व कार्यालय के क्लर्क की मिलीभगत से ढाई लाख रुपये में लाइसेंस बनाया जा रहा। इस तरह के लाइसेंस बनवाने वालों में हिस्ट्रीशीटर भी शामिल हैं। राजस्थान व नगालैंड पुलिस द्वारा रैकेट के पकड़े जाने के बाद केंद्रीय गृह विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके आलोक में राज्य के गृह विभाग ने डीएम व एसएसपी को भी सचेत करते हुए इसपर नियंत्रण करने का निर्देश दिया है।

राजस्थान पुलिस ने पिछले वर्ष नगालैंड के दीमापुर जिले से जारी फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस के मामलों को पकड़ा। बीकानेर के नयाशहर थाने में हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज दीपक अरोड़ा व जावेद खान के पास ऐसे लाइसेंस मिले। इसके बाद जिले में अभियान चलाया गया। इसमें तीन और फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस मिले जो नगालैंड से जारी किए गए थे। सभी को गिरफ्तार कर प्राथमिकी दर्ज की गई।

पहले भी फर्जीवाड़ा का मामला आया था सामने गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नगालैंड के जुन्हेबोटो जिले से बड़ी संख्या में फर्जी आ‌र्म्स लाइसेंस जारी किए थे। राजस्थान व गुजरात पुलिस ने जांच में पाया था कि यहां से जो आ‌र्म्स लाइसेंस जारी किए गए उसका रिकॉर्ड ही नहीं था। इसके अलावा सोम, वोखा, मोकोकचुंग, कोहिमा आदि जिले से भी इस तरह के लाइसेंस जारी किए जा रहे।

जिले के कई थानों में भी नगालैंड से जारी लाइसेंस जिले के कई थानों में भी ऐसे लाइसेंस हैं जिसे नगालैंड से जारी किया गया है। इसकी जांच को लेकर सरकार ने निर्देश जारी किया है। नगर, मनियारी समेत कई थाने के लोगों के पास ये लाइसेंस हैं। इसकी जांच की जानी है कि इसकी इंट्री यहां कराई गई है अथवा नहीं।


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