AES को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम नीतीश कुमार के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद Muzaffarpur news
एईएस से मौत व इस बीमारी के शोध के नाम पर किए गए लाखों खर्च को लेकर परिवाद दाखिल किया गया है। परिवाद मिठनपुरा थाना के पक्की सराय चौक निवासी मो.मोजहिद ने किया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस से मौत व इस बीमारी के शोध के नाम पर किए गए लाखों खर्च को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सूर्यकांत तिवारी के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद मिठनपुरा थाना के पक्की सराय चौक निवासी मो.मोजहिद उर्फ एम राजू नैय्यर ने किया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरोपित किया गया है। परिवाद की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 28 जून की तारीख मुकर्रर की है।
परिवाद में कहा है कि एईएस से मुजफ्फरपुर में लगातार मौत हो रही है। इसकी रोकथाम के लिए सरकार ने कोई काम नहीं किया। अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जैकब के शोध पर लाखों रुपये खर्च किए गए। शोध में शामिल मुजफ्फरपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण शाह भी शामिल थे। शोध में वे बीमारी के निदान तक पहुंच गए। उन्होंने जो प्रतिवेदन सौंपा उस पर सरकार ने कोई काम नहीं किया। जनजागरण अभियान चलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की लूट की गई।
एईएस को लेकर पहले भी मुख्यमंत्री व अन्य के विरुद्ध हो चुका परिवाद
एईएस से मर रहे बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व अन्य के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया जा चुका है। यह परिवाद अधिवक्ता पंकज कुमार ने दाखिल किया है।
इसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष, सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह व एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही को आरोपित बनाया है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप