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मुजफ्फरपुर में फिल्म 'ठाकरे' को लेकर सीजेएम कोर्ट में परिवाद

सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया परिवाद। फिल्म में बिहार और यूपी के लोगों को अपमानित करने का आरोप।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 07:14 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में फिल्म 'ठाकरे' को लेकर सीजेएम कोर्ट में परिवाद
मुजफ्फरपुर में फिल्म 'ठाकरे' को लेकर सीजेएम कोर्ट में परिवाद

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। फिल्म 'ठाकरे' में आपत्तिजनक दृश्यों का आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) आरती कुमारी सिंह के कोर्ट में मंगलवार को परिवाद दाखिल किया गया। इसे अहियापुर थाने के भीखनपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता और हक ए हिंदुस्तान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक तमन्ना हाशमी ने दाखिल किया है। इसमें फिल्म के निर्माता अभिजीत पंसे, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और लेखक संजय राउत को आरोपित बनाया गया है। कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।

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परिवाद में यह लगाया आरोप

तमन्ना हाशमी ने कहा है कि सात जनवरी को उन्होंने यू-ट्यूब पर 'ठाकरे' फिल्म का मराठी और ङ्क्षहदी भाषा में ट्रेलर देखा। इसमें उत्तर भारतीयों खासकर बिहार व यूपी के लोगों के खिलाफ अपशब्दों व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। पूरी फिल्म बिहार और यूपी के लोगों को अपमानित करने के लिए बनाई गई है। अगर, फिल्म रिलीज होती है तो इससे बिहार के लोग अपमानित महसूस करेंगे। लोग ट्रेलर देखकर ही अपमानित महसूस कर रहे। उनकी भावना आहत हो रही।


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