जमकर लें होली का आनंद, मौसम का भी रहेगा भरपूर साथ, तापमान में हल्की वृद्धि संभव
पांच से 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी पछिया हवा वातावरण पूरी तरह शुष्क रहने की संभावना।
समस्तीपुर, जेएनएन। अभी यदि आप होली की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हैं तो मौसम की तरफ से निश्चिंत रहें। आपकी होली में मौसम की ओर से कोई खलल नहीं होने जा रहा।डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने 24 मार्च तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्राय: साफ रहेगा। इस दौरान मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने अधिकतम तापमान में हल्की वृद्धि होने की संभावना जताते हुए कहा है कि तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। जबकि न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। इस अवधि में औसतन 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की बात भी कही है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 45 प्रतिशत रहने की संभावना है।
प्याज की फसलों में करें छिड़काव
किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा है कि शुष्क मौसम एवं तापमान में वृद्धि होना थ्रिप्स कीट के लिए अनुकूल वातावरण है। ऐसी अवस्था (मार्च माह) में थ्रिप्स कीट की संख्या अपने चरम पर पहुंच जाती हैै। इनकी समय पर रोक-थाम नहीं होने पर फसल में रोग-व्याधि आ जाती है एवं उपज में काफी कमी आती हैं। इसे देखते हुए प्याज उत्पादक किसान फसल में थ्रिप्स कीट की रोक-थाम प्राथमिकता समय पर करें। यह आकार में अतिसुक्ष्म होते हैं तथा पत्तियों की सतह पर चिपक कर रस चुसते हैं, जिससे पत्तियों का ऊपरी हिस्सा टेढ़ा-मेढा हो जाता है। पत्तियों पर दाग सा दिखाई देता है जो बाद में हल्के सफेद हो जाते है। कीट का प्रकोप फसल में दिखने पर प्रोफेनोफॉस 50 ईसी दवा का 1.0 मिली प्रति लीटर पानी या इम्डिाक्लोप्रिड दवा का 1.0 मिली प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव 10-15 दिनों के अन्तराल पर दो बार दवा बदल-बदल कर करें। शुष्क मौसम एवं बढ़ते तापमान को देखते हुए किसान बसन्तकालीन मक्का, सूर्यमुखी, प्याज एवं गरमा सब्जियों जैसे भिन्डी, नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू), और खीरा की फसल में ङ्क्षसचाई शाम के समय में करें। रबी मक्का एवं पिछात गेहूं के दाना बनने से दुध भरने की अवस्था वाली फसल में आवश्यक नमी के लिए ङ्क्षसचाई करें। ध्यान रहे कि ङ्क्षसचाई करते समय हवा की गति कम हो।