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गरीबों के जीवन में जल उठे खुशी के दीये, जानिए यह सब कैसे संभव हो सका

मनरेगा व सात निश्चय योजनाओं के तहत विकास के साथ मजदूरों को दिए जा रहे काम। छोटे कारोबारियों के लिए मुद्रा लोन समेत कई तरह की योजनाएं चल रही।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 09:51 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 09:51 AM (IST)
गरीबों के जीवन में जल उठे खुशी के दीये, जानिए यह सब कैसे संभव हो सका
गरीबों के जीवन में जल उठे खुशी के दीये, जानिए यह सब कैसे संभव हो सका

मुजफ्फरपुर,[संजीव कुमार]। गरीबों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार की कई योजनाएं खुशी के दीये के सामान हैं। सरकार की विभिन्न योजनाएं इनके लिए सहारा बन रहीं हैं। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना और मनरेगा से गरीबों की स्थिति को सरकार की तरफ से बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा छोटे कारोबारियों व बेरोजगारों के लिए बैंकों की तरफ से मुद्रा लोन योजना, मेक इन इंडिया व डिजिटल इंडिया समेत कई तरह की योजनाएं भी स्थिति सुधारने में बेहतर साबित हो रही हैं।

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जिले में इन सभी योजनाओं पर बेहतर ढंग से काम किया जा रहा है। दूसरी ओर बेरोजगार छात्रों के लिए समय-समय पर नियोजन मेले के जरिए विभिन्न तरह के रोजगार भी उपलब्ध कराए जाते हैं।

गरीबों को पक्का आवास

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गरीबों को पक्का आवास, गलियों में नाली, पेयजल की सुविधा आदि उपलब्ध कराई जा रही है। मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाके के मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इसके अलावा पौधारोपण, तालाब जीर्णोद्धार, सड़क निर्माण व पोखर निर्माण आदि काम किए जा रहे हैं। इनसे भी गरीबों को रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं।

रोजगार सृजन की निरंतर कोशिश

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ने गांव के गरीबों की एक बड़ी आबादी को गरीबी से लडऩे की ताकत दी है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत लोगों को रोजगार नसीब हो रहा है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, मनरेगा से वित्तीय वर्ष 2019-20 में अबतक 3682 योजनाएं ली जा चुकी हैं। सभी योजनाओं में काम कर रहे लोगों को लगातार मजदूरी मिले, इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर मॉनीटङ्क्षरग की जाती है।

प्रखंडवार मनरेगा के तहत काम

कर रहे मजदूरों की संख्या --

बंदरा- 13744

मीनापुर- 14758

कुढऩी- 27827

गायघाट-16888

मुशहरी-4435

मोतीपुर-11268

कांटी-3427

पारू-14014

सकरा-11847

सरैया-16841

साहेबगंज-9266

औराई-10447

कटरा-24759

बोचहां-7371

मड़वन-7110

मुरौल-3488

सभी गरीबों को अनाज

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सभी गरीब परिवार को प्रत्येक महीने अनाज दिया जाता है। भूमिहीन महादलितों को जमीन, आवास, शिक्षा व रोजगार सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसके अलावा गरीबों के लिए कई तरह की योजनाएं अन्य विभागों में भी चल रहीं हैं।

उम्मीदें 2020

- साल 2020 में और तेज गति से सरकार की सभी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाना प्रशासन का लक्ष्य है। इस दिशा में प्रशासन की ओर से विशेष कार्ययोजना तैयार कर उसे सभी गरीबों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। सभी गरीबों को पक्का मकान भी उपलब्ध कराना प्रशासन का लक्ष्य है। जिसे नए साल में पूरा किया जाएगा।

औसतन मिल रहा काम

'मनरेगा वाचÓ के संजय सहनी का कहना है कि मनरेगा के तहत गरीबों को औसतन काम मिल रहा है। ग्रामीण इलाके में रहने वाले मजदूर को मनरेगा के तहत सौ दिन का काम देना है। इसके एवज प्रतिदिन उन्हें 177 रुपये दिए जाते हैं, जो बिहार के न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। इस साल प्रशासन से उम्मीद है कि मजदूरों को एक सौ दिन का काम मिले और गरीबों की स्थिति में सुधार हो।

डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि सरकार की तरफ से कई कल्याणकारी योजनाएं गरीबी उन्मूलन को लेकर चलाई जा रहीं हैं। सभी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।  


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