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पश्चिम चंपारण में तेंदुए ने युवक पर किया हमला, रो रोकर पत्‍नी बोली- हम बेर-बेर कहत रहनी कि रउआ सरेह में अकेल न जाईं

Leopard attacked a young man in West Champaran वाल्मीकिनगर के विसहां गांव के सरेह में शुक्रवार की दोपहर काम करने गए युवक पर तेंदुए ने हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गया। तेंदुए के हमले से दहशत में हैं ग्रामीण।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 04:42 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 04:42 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में तेंदुए ने युवक पर किया हमला, रो रोकर पत्‍नी बोली- हम बेर-बेर कहत रहनी कि रउआ सरेह में अकेल न जाईं
पश्चिम चंपारण में तेंदुए ने युवक पर किया हमला!

बगहा (पश्चिम चंपारण), जागरण संवाददाता। वाल्मीकिनगर के विसहां गांव के सरेह में शुक्रवार की दोपहर काम करने गए युवक पर तेंदुए ने हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गया। तेंदुए के हमले से अफरातफरी मच गई। गांव के लोग इकट्ठा हो गए और शोर-शराबा शुरू कर दिया। जिसके बाद तेंदुआ भाग गया। तेंदुए ने युवक के दाहिने हाथ, केहुनी, एवं सिर को जख्मी कर दिया। वन विभाग टीम मौके पर पहुंची और घायल युवक को इलाज के लिए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वाल्मीकिनगर भेजा। इस बाबत चिकित्सक डाॅ. सुमित कुमार एवं संजय कुमार ने बताया कि तेंदुए के हमले से घायल रवींद्र यादव को गंभीर चोट है। परंतु वह खतरे से बाहर है।

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रविन्द्र की पत्नी सुमन का रो रो कर बुरा हाल है। पति के जख्म को देख बार बार बोल रही थी कि ----हम बेर बेर कहत रहनी कि रउआ सरेह में अकेल न जाई, तेंनुआ निकलत बा। लेकिन उ ना मनलें। यह कह कर वह बार बार बेहोश हो जा रही है।

डर के साये में जीने को मजबूर हैं ग्रामीण

ग्रामीण विनोद श्रीवास्तव,गीता देवी,मनीषा देवी,उमरावती देवी,अनिता देवी ने बताया कि विगत एक सप्ताह से त्रिवेणी मृत नहर के तरफ से एक तेंदुआ शाम ढलते ही गांव की ओर आ जाता है। जिससे लोगों में भय व्याप्त हो गया है। गांव से अब तक कई पालतू कुत्ते और बकरियों को अपना शिकार बना चुका है। ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वनविभाग जल्द से जल्द इस तेंदुआ को पकड़ कर जंगल में भेजे । ताकि ग्रामीणों का भय समाप्त हो।

खेत में जाने से डरते हैं किसान

इस इलाके में तेंदुआ का आतंक लंबे अरसे से चल रहा है। दरअसल बाघों व तेंदुओं की मौजूदगी वाली बेहद संवेदनशील रेंज में मानव एवं वन्यजीव संघर्ष की समस्या पहले से बनी हुई है। किसी भी समय कहीं भी खेतों में बाघ निकलने को लेकर खेती किसानी के कार्य कठिन हो गए हैं। रोटी रोजी का जरिया खेती किसानी को किसान छोड़ भी नहीं सकते। विषम परिस्थितियों में किसान जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं।

इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण कृषि कार्य के लिए समूह में निकलने, खेतों में पटाखा चलाएं, सजग व सतर्क रहें। साक्ष्य के साथ आवेदन देने पर उचित मुआवज़ा दिए जाने का प्रावधान है।


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