BRA Bihar University : जानें क्यों रिजल्ट में सुधार कराने के लिए चक्कर काट रहे विद्यार्थी
BRA Bihar University कुलपति से मिलने पहुंचे विद्यार्थी जताई नाराजगी। विशेष परीक्षा कराने की रखी मांग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। BRA Bihar University के कई कॉलेजों के छात्र करीब छह महीने से रिटोटलिंग और कॉपी की फिर से जांच कराने की मांग को लेकर विवि का चक्कर काट रहे हैं। सोमवार को सैंकड़ों विद्यार्थी कुलपति से मिलने आवास पर पहुंचे, लेकिन कुलपति के नहीं होने के कारण निराश हो गए।
विद्यार्थियों ने बताया कि 2016-18 सत्र में पीजी की परीक्षा दी थी। इसमें सैंकड़ों विद्यार्थियों को पेपर सात में फेल कर दिया गया। जब रिटोटलिंग के लिए आवेदन दिया तो विवि के अधिकारी टाल मटोल कर रहे हैं। आरटीआइ से भी कॉपी मांगी गई तो इसका जवाब नहीं दिया गया। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि विवि के अधिकारी कॉपी खोजवाने की बात कह पल्ला झाड़ लेते हैं, लेकिन उनका साल बर्बाद हो रहा है। कुलपति से मिलने पहुंचने वालों में जूही कुमारी, भारती, रूबी, ज्योति कुमारी, श्रीकांत कुमार, दिलीप कुमार सहनी, रूपम कुमारी, अनु कुमारी, दीपक कुमार, प्रीतेश कुमार, श्वेता कुमारी, शालिनी, मुकेश कुमार आदि थे।
बीआरएबीयू परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को कहा गया है कि कॉपी निकलवाई जा रही है। उन्हें मनचाहे प्राध्यापक से दिखवाया जाएगा। साथ ही उसकी मूल कॉपी उनके पैरेंट््स को भी भेजी जाएगी।
आज से कॉलेजों को सौंपा जाएगा अंकपत्र के साथ प्रोविजनल
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अध्ययनरत स्नातक तृतीय वर्ष के लगभग 75 हजार विद्यार्थियों को पहली बार अंकपत्र के साथ प्रोविजनल भी दिया जा रहा है। मंगलवार से कॉलेजों को पहली बार डिजिटल अंकपत्र और प्रोविजनल का वितरण किया जाएगा। बता दें कि अंकपत्र और प्रोविजनल साथ-साथ मिलने से विद्यार्थियों का समय भी बचेगा। इस बार से विवि ने नई व्यवस्था लागू करने की बात कही थी। इसको लेकर परीक्षा विभाग को दिशा-निर्देश दिया गया था। इस पर विवि के एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से भी मंजूरी भी मिल गई थी। बता दें कि 30 दिसंबर 2019 को स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को नई सुविधा का लाभ मिलेगा। 86 हजार के करीब छात्रों ने परीक्षा दी थी। इसमें 75 हजार के करीब छात्रों को माक्र्सशीट के साथ प्रोविजनल देना है।
अलग से नहीं लगेगा शुल्क
इस प्रोविजनल के लिए विद्यार्थियों को अलग से शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय का चक्कर काटने और परिसर में सक्रिय दलालों से भी छुटकारा मिलेगी। डिग्री के लिए विद्यार्थियों ने एक सौ रुपये जमा कराए थे। उसी खर्च में विद्यार्थियों को प्रोविजनल भी दिया जाएगा।
बीएड का फॉर्म भरने में होगी सुविधा
माक्र्ससीट नहीं मिलने के कारण विद्यार्थियों को बीएड का फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है। विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत परीक्षा नियंत्रक से की थी। साथ ही दैनिक जागरण ने भी 17 फरवरी के मुजफ्फरपुर संस्करण में इस खबर को प्रकाशित किया था। इसपर संज्ञान लेते हुए विवि ने तेजी से अंकपत्र और प्रोविजनल भेजने का फैसला किया है।