Scam in the Food Transport Tender : जानें राज्य खाद्य निगम के खाद्यान्न परिवहन टेंडर में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा Muzaffarpur News
Scam in the Food Transport Tender शिकायत पर खाद्य आपूर्ति मंत्री ने लिया संज्ञान जांच का दिया आदेश। मंत्री ने पत्र में लिखा- कागजातों के अवलोकन से भूमिका संदिग्ध।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राज्य खाद्य निगम के खाद्यान्न परिवहन में फर्जीवाड़ा कर टेंडर लेने का मामला सामने आया है। जिसके तहत गत महीने जिले में हुए मुख्य परिवहन अभिकर्ता के टेंडर में फर्जी कागजातों के सहारे बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर निविदा लेने का आरोप लगाया गया है। नालंदा परिऔना के कुश कुमार मिश्रा की शिकायत पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया है।
मंत्री के आदेश पर महाप्रबंधक जन वितरण निगम ने डीएम को जांच के लिए पत्र भेजा है। मंत्री ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि पत्र के साथ संलग्न कागजातों के अवलोकन से जिला प्रबंधक एवं पूर्व से कार्यरत परिवहन अभिकर्ता की भूमिका संदिग्ध लगती है। इसलिए कागजातों की जांच कराते हुए शीघ्र निष्पादित किया जाए।
परिवाद में लिखा कि राज्य खाद्य निगम के अधीन मुख्य परिवहन अभिकर्ता के निविदा में पांच निविदादाता द्वारा भाग लिया गया था। जिसमें कुश भी शामिल थे।
14 सितंबर 2019 को परिवहन समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि निविदादाता 19 सितंबर तक अपना आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। जिस पर आवेदक द्वारा 19 सितंबर को जिला परिवहन समिति को पत्र के माध्यम से अन्य चारों निविदादाता पर फर्जीवाड़ा से संबंधित परिवाद साक्ष्य सहित दिया गया था। लेकिन जिला परिवहन समिति एवं प्रबंधक राज्य खाद्य निगम के मिलीभगत से अन्य चारों निविदादाता की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
इस बारे में डीएम आलेक रंजन घोष ने कहा कि पूरी नियमावली के तहत निविदा प्रक्रिया की गई है। जांच का पत्र अभी हमें नहीं मिला है। पत्र मिलने पर उसकी भी जांच कराई जाएगी।
वहीं एसएफसी के जिला प्रबंधक प्रवीण कुमार दीपक ने कहा कि जिला परिवहन समिति के द्वारा टेंडर फाइनल होता है। गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। कुश कुमार के परिवाद का निपटारा जिला परिवाद निवारण समिति के द्वारा जल्द ही कर लिया जाएगा।