नए वित्तीय वर्ष में 17 अरब 93 करोड़ 72 लाख 96 हजार का होगा लनामिवि का बजट
सीनेट की बैठक में घाटे के बीच प्रस्ताव पारित कुलपति के अभिभाषण के बाद सीनेट की बैठक में सदस्यों ने दिए सुझाव। विश्वविद्यालय ने दिखाई कुल 88 करोड़ 79 लाख 8 हजार 575 की आमदनी 17 अरब 5 करोड़ 7 लाख 8 हजार 479 का घाटा।
दरभंगा,जासं। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में शनिवार को वित्तीय वर्ष 2021- 22 का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने सीनेट के मंच से बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट राज्य सरकार के दिशा निर्देश एवं विहित प्रपत्र में तैयार किया गया है। कहा कि विश्वविद्यालय के निजी स्रोतों से अंगीभूत कॉलेजों से प्राप्त होने वाली कुल आय 26 करोड़ 37 लाख 45 हजार छह सौ 93 है। अंकित प्रावधानों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल व्यय 18 अरब 82 करोड़ 52 लाख चार हजार सात सौ साठ रुपये आंकी गई है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 2021-22 के बजट को कुल नौ खंड में विभक्त कर राशि दर्शाई गई है। प्रथम खंड में विश्वविद्यालय कार्यालय स्नातकोत्तर विभागों की अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों के लिए वेतन आदि मध्य में होने वाले वार्षिक व्यय के साथ आउट सोर्स पर नियुक्त कर्मियों, अनुबंध पर नियुक्त अंशकालीन अतिथि शिक्षकों का मानदेय एवं शिक्षकों कर्मचारियों के एनपीएस नई पेंशन योजना पर होने वाले व्यय के लिए कुल 2 अरब 68 करोड़ 41 लाख 80 हजार 301 रुपये का उपबंध किया गया है। द्वितीय खंड में सेवानिवृत्त कर्मियों, अधिकारियों, शिक्षकों शिक्षकेतर कर्मियों के पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन में 20 लाख सीमा तक ग्रेच्युटी तथा अर्जित अवकाश को लेकर दो अरब 99 करोड़ चार लाख सात हजार एक सौ 76 रुपये का प्रावधान किया गया है। तृतीय खंड में शिक्षकेतर कर्मचारियों का एसीपी, एमसीपी के आधार पर बकाया पेंशन, उपादान एवं अर्जित अवकाश के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है। तृतीय खंड ब में शिक्षकेतर कर्मचारियों का एसीपी, एमसीपी के आधार पर पेंशन एवं उपादान का वेतन अंतर के बीच शिक्षकों का मंगाई भत्ता, आवास भत्ता एवं चिकित्सा भत्ता सहित बकाया वेतन तथा शिक्षकों कर्मचारियों के बकाया वेतन को लेकर रुपयों की मांग की गई है। चतुर्थ खंड में उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में चतुर्थ चरण में अंगीभूत दो कॉलेजों के कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन, पेंशन एवं अन्य भत्तों के मद में दस करोड़ 76 लाख 46 हजार 256 रुपये का प्रावधान किया गया है।
पंचम खंड में कार्यरत शिक्षकों के एक अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 एवं कार्यरत कर्मचारियों के एक अप्रैल 2017 से फरवरी 2020 के बीच सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के आधार पर बकाए वेतन को लेकर 90 करोड़ की मांग समाविष्ट की गई है। छठे खंड में सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन, उपादान एवं अर्जित अवकाश के विरुद्ध भुगतान को लेकर राशि की मांग की गई है। सप्तम खंड में अतिरिक्त मद जैसे आउटसोर्स कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों के वेतन , चतुर्थवर्गीय कर्मियों के पोशाक,पुस्तकालय के लिए पुस्तक,जर्नल, उपस्कर, स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र, जननायक कर्पूरी ठाकुर एवं बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर, कामेश्वर ङ्क्षसह चेयर स्नातकोत्तर विभागों आदि के लिए एक अरब 83 करोड़ 63 लाख छह हजार पांच सौ रुपये के प्रावधान को दर्शाया गया है। प्रस्तुत किए गए बजट के आठवें खंड में विश्वविद्यालय के अनुषांगिक इकाइयों जैसे स्पोट््र्स, परीक्षा, डब्लूआइटी, अभियंत्रण शाखा, भूसंपदा विभाग, छात्रावास, एमबीए, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, बायोटेक्नोलॉजी , फॉरेन लैंग्वेज आदि के उन्नयन को लेकर दो अरब 62 करोड़ 25 लाख नौ हजार 370 रुपये उपबंध किया गया है। विश्वविद्यालय के बजट के अंतिम एवं नवम खंड में प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि आकस्मिकता एवं अन्य खर्च को लेकर 50 करोड़ एक लाख 14 हजार नौ सौ 89 रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट को सीनेट की ओर से ध्वनिमत से पारित कर दिया गया दूसरे सत्र के आरंभ होते ही सदस्य डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू की ओर से सीनेट के समक्ष ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में विद्यापति चेयर के स्थापना का प्रस्ताव रखा गया और इसे ध्वनिमत से सदस्यों ने इसे पारित कर दिया।