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ऑनलाइन के चक्कर में फंसा मजदूरों का भुगतान, लगा रहे कार्यालय का चक्कर

पहले मुखिया के द्वारा मजदूरों का भुगतान किया जाता था, भुगतान की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से इसको ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 02:05 PM (IST)
ऑनलाइन के चक्कर में फंसा मजदूरों का भुगतान, लगा रहे कार्यालय का चक्कर
ऑनलाइन के चक्कर में फंसा मजदूरों का भुगतान, लगा रहे कार्यालय का चक्कर

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बगहा दो प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा से कई योजनाओं में काम कराया गया है। पौधरोपण से लेकर पक्का निर्माण कार्य भी कराए गए हैं। पहले मुखिया के द्वारा मजदूरों का भुगतान किया जाता था। भुगतान की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से इसको ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई। लेकिन इस चक्कर में कई मजदूरों का भुगतान लंबित हो गया। भुगतान के लिए कई मजदूर कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

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   मजदूर संजय महतो ने बताया कि पौधरोपण में कार्य किए थे। काम किए हुए करीब दो माह बीत गए। अब तक भुगतान नहीं मिला। पहले मुखिया काम कराते थे। वहीं भुगतान देते थे। इस नई व्यवस्था से परेशानी हो रही है। चार बार प्रखंड कार्यालय आ चुके हैं। लेकिन हर बार निराश किया गया। बोरवल के केवट साह का कहना है कि ऑनलाइन की व्यवस्था से भले ही भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। लेकिन इसके पेंच से काफी परेशानी हो रही है।

त्रुटि सुधारने में गए दो माह

बकाया भुगतान के लिए दौडऩे वाले मजदूरों में कुछ का जांच कर उनका खाता आदि को अपडेट कर भुगतान किया गया है। लेकिन कुछ का अभी भी लंबित है। बताया गया है कि मजदूरों का भुगतान लंबित होने में खुद मजदूर ही दोषी हैं। बहुत ऐसे मजदूर ऐसे हैं जिनके पास खुद का बैंक खाता नहीं था कुछ खाता खुलवा दिए।

    लेकिन अपने भुगतान प्रक्रिया पूरी होने के पूर्व ही वे लोग आजीविका के चक्कर में बाहर मजदूरी करने निकल गए। कुछ खाता और आधार के पेंच में फंस कर आज भी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। यमुनापुर टड़वलिया पंचायत के सिंगाड़ी निवासी तेतरी देवी, विजया देवी, शर्मिली देवी, कांता राम, शोहिल उरांव आदि ने बताया कि काम करने के बाद जब मजदूरी मांगने गए तो हमसे बैंक का खाता संख्या मांगा गया।

    हम लोग खाता के फेर में उलझ गए इधर कमारा मजदूरी भी उलझ गया। वहीं बकुली पचगांवा निवासी शाहबानो, अकलीमा, हमीद अंसारी आदि ने बताया कि गांव से करीब दो दर्जन से अधिक लोग काम किए थे, कुछ का भुगतान हो गया लेकिन करीब आधा दर्जन मजदूरों का भुगतान अभी बाकी है।

    बगहा दो के कार्यक्रम पदाधिकारी अमित कुमार उपाध्याय ने कहा कि पुरानी योजनाओं में ऑफ लाइन इंट्री होने के कारण कुछ मजदूरों का भुगतान नहीं हो पाया है। वर्तमान में सभी का ऑनलाइन एंट्री हो रहा है इसमें किसी का भी भुगतान बकाया नहीं है। लंबित भुगतान पूरा करने के लिए रिपोर्ट भेजा गया है। आदेश आने पर बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।


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