शराब मामले में केवी की कैंटीन सील, प्राचार्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज
मुजफ्फरपुर। गन्नीपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय की कैंटीन से शराब जब्ती मामले में प्राचार्य संजीव कुमार
मुजफ्फरपुर। गन्नीपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय की कैंटीन से शराब जब्ती मामले में प्राचार्य संजीव कुमार सिन्हा को भी आरोपित बनाकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, रविवार को पुलिस ने कैंटीन को सील कर दिया। मामले में मनोज कुमार और राकेश कुमार सिंह उर्फ चुन्नू ठाकुर को भी आरोपित बनाया गया है। काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष संजीव शेखर झा के बयान पर उक्त तीनों आरोपितों पर कांड अंकित किया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि मनोज अवैध रूप से कैंटीन चला रहा था। इसकी आड़ में चुन्नू ठाकुर के सहयोग से लगभग 12 साल से शराब का धंधा कर रहा था। शनिवार की शाम पुलिस ने कैंटीन से सात कार्टन शराब बरामद की थी। बता दें कि चुन्नू गत सप्ताह अहियापुर थाने से रंगदारी मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अभिरक्षा में ही वह दिल्ली में इलाज करा रहा है। उसे इस केस में पुलिस रिमांड पर लेगी।
पॉश इलाकों और सफेदपोशों को करता था सप्लाई : शहर के पॉश इलाकों और सफेदपोशों के घर शराब की सप्लाई वहीं से की जाती थी। थानेदार ने बताया कि मामले में शराबबंदी के बाद के तत्कालीन केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य को भी आरोपित बनाया गया है। इसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से विद्यालय के कर्मी भी संलिप्त हैं।
कैंटीन से पांच और रजिस्टर मिले : रविवार को पुलिस टीम जब कैंटीन को सील करने पहुंची तो भीतर में तलाशी ली गई। इस दौरान पांच और डायरी मिलीं। इसमें कई सफेदपोशों और जनप्रतिनिधि के नाम सामने आए हैं। साथ ही शराब खरीद-बिक्री का हिसाब भी लिखा हुआ है। उक्त नाम के आधार पर पुलिस टीम उन सभी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
शराब से अर्जित संपत्ति होगी जब्त : मनोज के रामदयालु स्थित घर पर पुलिस ने छापेमारी की। उसका आलीशान मकान देखकर टीम भी दंग रह गई। छानबीन में पता लगा कि इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक छात्र किराए पर कमरा लेकर रहते हैं। इसके अलावा तीन फ्लैट भी बने हैं। इसमें फैमिली रहती है। पुलिस का कहना है कि मनोज की संपत्ति का पता लगाया जा रहा है। शराब से अर्जित संपत्ति का पता लगने पर इसे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
डर के कारण नहीं खोल रहे थे मुंह : पुलिस ने मौके से दो कर्मियों को भी हिरासत में लिया था। बाद में पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। इस दौरान पता लगा कि चुन्नू के खौफ के कारण किसी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत नहीं की। पुलिस का कहना है कि मनोज के खिलाफ तो शिकायत की जा सकती थी। ऐसा नहीं करने पर वे सभी संदेह के घेरे में हैं।