Kurhani By-election 2022: कुढ़नी में उपचुनाव के चौसर पर राष्ट्रवाद, विकास संग जाति का भी पासा
Kurhani By-election 2022 कुढ़नी विधानसभा सीट पर होनेवाला उपचुनाव महागठबंधन के साथ-साथ भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। सत्तारूढ़ महागठबंधन के सामने इस सीट को बचाने की चुनौती है। तो वहीं भाजपा इसे पिछली हार का बदला लेने के मौके के रूप में देख रही है।
मुजफ्फरपुर, अमरेंद्र तिवारीl जैसे-जैसे मतदान का दिन पास आता जा रहा है, कुढ़नी उपचुनाव के चौसर पर चाल तेज होती जा रही है। मोहरे पर मोहरे आ रहे, पासे पर पासा फेंका जा रहा है। राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे दल जातिगत पासों के माध्यम से मतदाताओं को लुभा रहे हैं। मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में एक-एक की बराबरी के बाद कुढ़नी विधानसभा सीट पर होनेवाला उपचुनाव दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में राजद के डा. अनिल सहनी की विधायकी जाने के बाद उपचुनाव में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सामने इस सीट को बचाने की चुनौती है। उसने जदयू को यह सीट दी है, जिसने मनोज कुशवाहा को मैदान में उतारा है।
वहीं, भाजपा इसे विधानसभा चुनाव में मामूली मतों से मिली हार का बदला लेने के मौके के रूप में देख रही है। इसीलिए उसने पूर्व प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता पर ही भरोसा किया है। दोनों दल सामान्य चुनाव की तरह जोर लगाए हैं। भाजपा राष्ट्रवाद के साथ अपनी सरकार में होनेवाले विकास कार्यों को मुद्दा बना रही है तो जदयू, राजद, कांग्रेस, हम और वामपंथी दलों का महागठबंधन नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए विकास को आधार बनाकर सीट बचाने में जुटा है।
सबके पास काडर मतदाता हैं, जिसमें सभी सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) का निलाभ कुमार को टिकट देना भाजपा से भूमिहार मतों को काटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है तो भाजपा इसी को कारण बनाकर सहनी मतों पर डोरे डाल रही है। जदयू अपने काडर कुर्मी-कुशवाहा मतों के साथ यादव-मुस्लिम समीकरण से स्थिति मजबूत कर रहा है, लेकिन आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रत्याशी गुलाम मुर्तजा महागठबंधन के लिए चुनौती बन रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने जातीय क्षत्रपों को साधने वाले अपने नेताओं को मैदान में उतार दिया है।
चुनाव प्रचार में भी जाति फेक्टर हावी
भाजपा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सांसद विवेक ठाकुर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल, उमाकांत सिंह और एमएलसी देवेश कुमार, तो महागठबंधन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी व विधायक पंकज मिश्र के जरिये भूमिहार मतों को अपने-अपने पाले में साध रहे हैं। इसी प्रकार एमएलसी सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री बसावन भगत भाजपा तो मंत्री आलोक मेहता, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, विधायक राजू कुमार कुशवाहा महागठबंधन के लिए पिछड़ा मतों को लुभा रहे हैं।
अल्पसंख्ययों को लुभाने में जुटी भाजपा
भाजपा के लिए सांसद राधामोहन सिंह व वीणा देवी, विधायक राजू सिंह, अशोक सिंह व अरुण सिंह, पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह, विधायक संजय सिंह राजपूत, जनकराम, रालोजपा से केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, विधायक लखिंदर पासवान एवं वीरेंदर पासवान अनुसूचित जाति, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, सांसद रामकृपाल यादव, विधायक पवन यादव, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव और रामसूरत राय, विधायक श्याम बाबू यादव, डा. संजय जायसवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, तारकिशोर प्रसाद, सांसद रमा देवी, विधायक पवन जायसवाल वैश्य, पूर्व उप मु्ख्यमंत्री रेणु देवी, सांसद अजय निषाद, विधान पार्षद हरि सहनी अति पिछड़ा समाज और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन मुस्लिम मतों को भाजपा के पक्ष में लाने में जुटे हैं।
कुढ़नी में पार्टियों ने झोंकी ताकत
वहीं, मंत्री लेशी सिंह, एमएलसी संजय सिंह व दिनेश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद लवली आनंद, पूर्व विधायक मंजीत सिंह व राणा रणधीर सिंह, पूर्व एमएलसी विनोद सिंह राजपूत मतों को, मंत्री मदन सहनी व अनीता देवी, विधायक विजय सिंह निषाद, पूर्व एमएलसी गणेश भारती अति पिछड़ा, मंत्री जितेंद्र यादव, विधायक राजू कुमार उर्फ मुन्ना यादव व निरंजन राय, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधायक सुरेंद्र यादव व रंजू गीता यादव मतों को, मंत्री इसराइल मंसूरी, शमीम अहमद व शाहनवाज, विधान पार्षद कारी सोहेब, गुलाम गौस व खालिद अनवर, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी व खालिद सलीम परवेज मुस्लिमों को, मंत्री सुनील कुमार और सुरेंद्र राम, पूर्व मु्ख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, विधायक चंद्रहास चौपाल दास अनुसूचित जाति को, तो विधायक रणविजय साहू और विधान पार्षद ललन सर्राफ वैश्य मतदाताओं को महागठबंधन के पाले में लाने के लिए डेरा डाले बैठे हैं। ये नेता रोज कुढ़नी पहुंच रहे हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रमण कर अपने-अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं।