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नीतू के भक्ति गीतों पर झूमा पूर्वी चंपारण, कुड़वा कुरुक्षेत्र महोत्सव में सुनने को उमड़े लोग

लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कुड़वा कुड़क्षेत्र महोत्सव में भक्ति गीतों की प्रस्तुति करके श्रोताओं का मन मोहा। कार्यक्रम का आयोजन कला-संस्‍कृति विभाग ने किया।

By Edited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:33 PM (IST)
नीतू के भक्ति गीतों पर झूमा पूर्वी चंपारण, कुड़वा कुरुक्षेत्र महोत्सव में सुनने को उमड़े लोग
नीतू के भक्ति गीतों पर झूमा पूर्वी चंपारण, कुड़वा कुरुक्षेत्र महोत्सव में सुनने को उमड़े लोग

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कुड़वा कुड़क्षेत्र महोत्सव में भक्ति गीतों की प्रस्तुति करके श्रोताओं का मन मोहा। उनके गीतों पर तालियों की गड़गड़ाहट देखते ही बन रही थी। नीतू ने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना मंगल के दाता भगवन से की। बिहार प्रदेश को महापुरुषों की धरती बताते हुए उन्होंने इस धरा पर हमने जन्म लिया वही हमारा महान है है, बिहार के धरती पर जीवन कुर्बान है गीत पेश किया।

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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व बताते हुए गायिका नीतू नवगीत ने गंगोत्री से निकलल गंगा मैया जग के करे उद्धार और कर द कृपा तू अपार हे गंगा मैया लोकगीत गाया। फिर नीतू नवगीत में जय-जय भैरवी असुर भयाउनि पशुपति भामिनी माया, सहज सुमति वर दियउ गोसाउनी अनुगति गति तुअ पाया, बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे, पिया मोरा बालक हम तरुणी गे, कौन तप चुकल भेलहूं जननी गे जैसे विद्यापति रचित गीतों की प्रस्तुति की।

उन्होंने राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ, देखकर रामजी को जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई, राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुवर आयो जी जैसे राम सिया से जुड़े प्रसंगों पर आधारित लोकप्रिय गीतों को पेश किया जिस पर श्रोता झूमते रहे । नीतू नवगीत ने डर लागे ए हमरा डर लागे ए, का ले के शिव के मनाई हो शिव मानत नाही, मागी ला हम वरदान हे गंगा मैया मागी ला हम वरदान, कौने देशे गइले बलमुआ कथिया लाईहै ना जैसे लोकप्रिय गीत भी समारोह में गाए।

दरअसल, कार्तिक पूर्णिमा पर कुड़वा माता मंदिर परिसर में कुड़वा कुड़क्षेत्र महोत्‍सव का आयोजन किया गया था। मंगलवार को इसका उद्घाटन बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने किया। उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सांस्कृतिक रूप से एक समृद्ध राज्य है। कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित महोत्सव में बिहार की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने का प्रयास किया जाता है।

नीतू के गीतों पर मनोज कुमार सुमन और भोला कुमार ने नाल पर, सुजीत कुमार ने कैसियो पर, पिंटू कुमार ने पैड पर और सोनू कुमार ने बैंजो पर संगत किया। कार्यक्रम में वंदना मिश्र ने अपनी अपनी सुरीली आवाज में कई गीतों को पेश किया। कलाकारों द्वारा राम सीता जी तथा शिव पार्वती जी की शानदार झाकी भी दिखाई गई जिस पर दर्शकों ने खूब तालिया बजाईं। शिव जी की सवारी बसहा बैल के नृत्य को देखकर दर्शक भी झूम उठे। मुन्ना, तान्या, सोनाली, निशा, अलीशा और विवेक ने मिलकर बिहार के पारंपरिक गीतों हमरा आम अमरैया बड़ा निक लागेला और कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा पर शानदार लोक नृत्य भी पेश किया । रमेश प्रभात ने कार्यक्रम का संचालन करने के साथ-साथ अपनी गायकी से भी लोगों को रिझाया ।


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