Life imprisonment : जानिए क्यों पूर्वी चंपारण के इस दंपती और उसके दो बेटों को अब पूरी जिंदगी जेल में पीसनी पड़ेगी चक्की
Life imprisonment पूर्वी चंपारण के पिपरा में दहेज के लिए विवाहिता और उनके बच्चों की कर दी गई थी हत्या। जुर्म साबित होने पर सास ससुर पति व उसके भाई को सजा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शीला देवी, उसके पुत्र उत्कर्ष व पुत्री प्राची की हत्या कर शव को अलग-अलग स्थानों पर फेंकने के मामले में चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी को छह-छह हजार रुपये जुर्माना देना होगा। जुर्माना की राशि नहीं देने पर चारों को एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
दो आरोपित हुए बरी
सजा पाने वालों में पूर्वी चंपारण जिला के पिपरा थाना के महरानी गांव के शीला की सास माधुरी देवी, उसके ससुर दुर्योधन सिंह, पति राजीव कुमार सिंह व पति का भाई संजीव कुमार सिंह शामिल है। मामले के सत्र विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-षष्टम राधेश्याम शुक्ल ने चारों को दोषी करार दिया। जबकि कोर्ट ने दो आरोपितों राजेश्वर सिंह व सुनील ठाकुर को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र चौधरी ने कोर्ट के समक्ष 14 गवाहों व अन्य साक्ष्यों को पेश किया।
अलग-अलग जगहों पर मिली थी लाश
10 फरवरी 2017 को मोतीपुर के सेंदुआरी गांव के पुल के नीचे बोरे में बंद प्राची व मीनापुर में शीला की लाश मिली थी। रस्सी से गला दबाकर दोनों की हत्या की गई थी। उत्कर्ष का शव बरामद नहीं हुआ। प्राची की तब पहचान नहीं हो पाई थी। चौकीदार महेंद्र राम के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ग्रामीणों से मिली सूचना पर शीला के पिता केशव ठाकुर एसकेएमसीएच पहुंचे तो दोनों की पहचान हुई। उन्होंने दहेज में दो लाख रुपये व बाइक की मांग को हत्या का कारण बताया था। यह बात सामने आई कि नौ फरवरी की रात शीला की गला घोंट कर हत्या करते देखने पर पति राजीव ने अपने दोनों बच्चों को भी मार डाला था।