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जानें क्यों नगर निगम के इंजीनियरों ने किया बैठक का बहिष्कार, इन परेशानियों को दूर करने के लिए होनी थी बैठक

Nagar Nigam सभागार में आर्किटेक्ट इंजीनियर सुपरवाइजरों की तय थी बैठक। समय से पहुंच गए थे सभी इंजीनियर। उप नगर आयुक्त ने कहा कुछ अधिकारियों के डीएम के बैठक में रहने पर हुई देरी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 12:17 PM (IST)
जानें क्यों नगर निगम के इंजीनियरों ने किया बैठक का बहिष्कार, इन परेशानियों को दूर करने के लिए होनी थी बैठक
जानें क्यों नगर निगम के इंजीनियरों ने किया बैठक का बहिष्कार, इन परेशानियों को दूर करने के लिए होनी थी बैठक

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नक्शा सहित अन्य मामलों को लेकर होने वाली बैठक में नगर निगम के अधिकारी देर से पहुंचे। इस पर आर्किटेक्ट इंजीनियरों ने बैठक का बहिष्कार कर उठ कर चल दिए। इसे स्थगित कर दिया गया है।

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नगर निगम सभागार में आर्किटेक्ट इंजीनियर, सुपरवाइजरों की बैठक दोपहर दो बजे से तय थी। नियत समय पर सभी इंजीनियर आ गए। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा भी समय से पहुंच गए। अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद के डीएम के साथ बैठक में रहने से देर हो गई। इंजीनियर एक घंटे तक करीब तीन बजे तक बैठे रहे। इस दौरान उनको पानी तक किसी ने नहीं पूछा। इससे अपमानित महसूस होने पर बैठक का बहिष्कार कर वहां से उठ कर चल दिए। इसी बीच अपर नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त के आने पर फिर से उनको बैठक के लिए बुलाया गया। लेकिन, वे लोग नहीं आए।

नक्शा में कमी निकालने का आरोप

एसोसिएशन ऑफ प्रैक्टिसिंग इंजीनियर्स के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि इस तरह की चार बार बैठक हो चुकी है। हर बार निगम के अधिकारी नक्शा में कुछ न कुछ कमियां निकालते रहते हैं। इनको दूर करने के बाद भी परेशान किया जाता है। जी प्लस-टू भवन के नक्शे से किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। मॉल या बड़ा भवन निर्माण में नक्शा का महत्व अधिक होता है। लेकिन, वे जी प्लस-टू नक्शे को लेकर भी परेशान करते हैं।

मंत्री के साथ करेंगे शिकायत

इसके लिए वे शीघ्र ही नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश कुमार शर्मा और प्रधान सचिव से मिलकर शिकायत करेंगे। इधर उप नगर आयुक्त रणधीर लाल ने कहा कि डीएम के यहां बैठक में अन्य अधिकारियों को थोड़ी देरी हुई। इस पर इंजीनियरों को नाराज होकर जाना नहीं चाहिए था। उन लोगों के सामने कमियां दूर कर ऑन द स्पॉट नक्शा पास हो जाता है। लेकिन, थोड़ी देर बैठ भी नहीं सके। इससे अधिकारियों का भी अपमान हुआ है।

मुहर वाले नक्शे पर निगम ने लगाई रोक

पक्का मकान मुहैया कराने के लिए केंद्र व राज्य सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। लेकिन, नगर निगम में अधिकारियों में आपसी सामंजस्य नहीं होने से लोगों को आशियाना बनाने का सपना एक बार फिर बिखर गया। नगर आयुक्त के निर्देश पर मुहर वाले नक्शे पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। इससे कई वर्षो से नक्शा पास होने के इंतजार में बैठे लोगों का घर नहीं बन पाएगा। मुहर पर इंजीनियर ने लिखा है कि नक्शा के अनुरूप घर नहीं बना तो गृह स्वामी जिम्मेदार होंगे। लेकिन, निगम अधिकारियों का कहना है कि इंजीनियर को भी जिम्मेदार ठहराया जाए। इधर इंजीनियर अरविंद कुमार का कहना है कि नक्शा पास होने के बाद लोग अपने हिसाब से घर बनवाना शुरू कर देते हैं, इंजीनियर से नहीं पूछते। ऐसे में उन लोगों से झगड़ा कौन करेगा। 


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