जानिए औषधि विभाग के किस दिशा निर्देश ने दवा कारोबारियों की परेशानी बढ़ा रखी, क्या है उनकी शिकायत
केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने औषधि नियंत्रण प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोप। समस्याओं को दूर करने की जगह किया जा रहा प्रताडि़त दुकानों को बंद कर देने की दी चेतावनी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। औषधि विभाग की मार झेल रहा दवा कारोबार बंदी के कगार पर पहुंच गया है। औषधि नियंत्रण प्रशासन की मनमानी से दवा दुकानदार नाराज है। फार्मासिस्ट की उपलब्धता के नाम पर दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है जिससे नाराज दुकानदार 15 जनवरी के बाद अपनी दुकान बंद कर सकते हैं।
बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने राज्य औषधि नियंत्रक को पत्र लिखकर औषधि नियंत्रण प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया है।
पत्र में कहा गया है एक तरफ दवा दुकानों में फार्मासिस्टों को रखने की अनिवार्यता के नाम पर मनमानी कार्रवाई की जा रही है। जबकि सरकार अवगत है कि फार्मासिस्टों की भारी कमी है। सरकार फार्मेसी संस्थानों को विकसित कर फार्मासिस्टों की कमी दूर करने की बजाय छोटे-बड़े दुकानदारों को परेशान कर रही है। एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र कुमार एवं अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने कहा कि जो हालात है दवा दुकानदारों को अपना कारोबार समेटना होगा। इससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे। मरीजों को भी दवा नहीं मिल पाएगी। इसके लिए विभाग जिम्मेवार होगा।