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जानिए मुजफ्फरपुर के लोगों को पेयजल संकट से उबारने के लिए क्या खास व्यवस्था होने जा रही Muzaffarpur News

कार्य संपन्न कराने के लिए 12 महीने का दिया गया समय। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि वर्क ऑर्डर के साथ ही कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 02:42 PM (IST)
जानिए मुजफ्फरपुर के लोगों को पेयजल संकट से उबारने के लिए क्या खास व्यवस्था होने जा रही Muzaffarpur News
जानिए मुजफ्फरपुर के लोगों को पेयजल संकट से उबारने के लिए क्या खास व्यवस्था होने जा रही Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर में बंद पड़े 11 जलमीनारों के जीर्णोद्धार का रास्ता साफ हो गया है। 5 करोड़ 35 लाख रुपये से अधिक का टेंडर फाइनल हो गया है। अमरेंद्र प्रसाद सिंह नामक ठीकेदार को इस कार्य को संपन्न कराने का जिम्मा सौंपा गया है। कार्य संपन्न कराने के लिए 12 महीने का समय दिया गया है। हालांकि इसके टेंडर होने से 2020 की गर्मी में पेयजल संकट से छुटकारा मिलने की उम्मीद काफी कम नजर आ रही है।

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सबमर्सिबल पंप की आवश्यकता 

    नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि वर्क ऑर्डर देने के साथ ही कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया है। अभी से अगर कार्य शुरू कर दिया जाता है तो मार्च में गर्मी शुरू होने के पहले कुछ इलाकों के जलमीनारों को ठीक कर चालू किया जा सकता है। फिर भी गर्मी में पेयजल संकट से निपटने के लिए समर्सिबल पंप की आवश्यकता पड़ेगी। मुख्यमंत्री के आगमन के पहले नगर निगम ने जनता को यह सौगात दी है।

  11 जलमीनार में से 10 बंद 

बता दें कि, पिछले साल शहर में भीषण पेयजल संकट के बाद 11 जलमीनारों के जीर्णोद्धार की कार्य योजना तैयार की गई थी। टंकी में पानी स्टोर हो सके इसके लिए तत्कालीन नगर आयुक्त संजय दूबे ने 5.25 करोड़ की योजना बनाई थी। प्रेशर नहीं बनने से पेयजल आपूर्ति के बावजूद पाइप लाइन में पानी नहीं पहुंच पाता है। शहर में बने 11 जलमीनार में से 10 बंद हैं। सिर्फ एक मात्र कंपनीबाग स्थित जलमीनार चालू है।

कार्यपालक अभियंता की शिथिलता के कारण अटकी रही

11 जलमीनारों के जीर्णोद्धार की योजना कार्यपालक अभियंता की लापरवाही के कारण काफी दिनों तक अटकी रही। इस कारण बुडको के साथ एग्रीमेंट नहीं हो पा रहा था। नगर आयुक्त ने कार्यपालक अभियंता को इसके लिए कई बार पत्र लिखकर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

वर्तमान कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार सिन्हा के आने के काफी दिनों पहले तत्कालीन नगर आयुक्त संजय दुबे के समय में ही तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिन्हा द्वारा 5.34 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया था। कार्य में देरी होने पर नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने नाराजगी भी जताई थी। बावजूद कार्यपालक अभियंता ने कार्ययोजना को दबाए रखा था।

इन जलमीनारों की होगी मरम्मत

ब्रह्मपुरा, खबड़ा, कंपनीबाग, जिला स्कूल, सर्किट हाउस, मिस्कॉट, पशुपालन कार्यालय भगवानपुर, सरकारी बस स्टैंड, पीडब्ल्यूडी माड़ीपुर, सिकंदरपुर, जेल रोड। 


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