AES in Muzaffarpur : जानिए मुजफ्फरपुर में एईएस वार्ड की निगरानी के लिए क्या व्यवस्था होने जा रही
AES in Muzaffarpur पीएचसी से जिले के एईएस वार्ड में तैनात चिकित्सक व कर्मियों के साथ वरीय अधिकारियों को जोड़ा गया है ग्रुप में।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में गर्मी के साथ ही एईएस के मरीज आने लगे हैं। इससे इस साल अब तक नौ बच्चे पीडि़त हो चुके हैं। इनमें तीन की मौत हो चुकी है। प्रशासन बच्चों को बचाने के लिए जागरूकता से लेकर कई स्तर पर काम कर रहा। इसी कड़ी में अब एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें पीएचसी से लेकर जिले के एईएस वार्ड में तैनात चिकित्सक व कॢमयों को जोड़ा गया है। ग्रुप में प्रखंड प्रभारी व सिविल सर्जन सहित अन्य वरीय अधिकारी भी हैं। इसके जरिए उनकी निगरानी होगी कि मौके पर मौजूद हैं या नहीं। इलाज कर रहे या नहीं। ग्रुप पर चिकित्सकों को इलाज का फोटो शेयर करने के साथ अन्य जानकारियां देनी होंगी।
अभी तक का ट्रेंड अलसुबह में बच्चे होते बीमार
अब तक दस साल में जो ट्रेंड है उसके हिसाब से अलसुबह में अधिकतर बच्चे बीमार होते हैं। इसलिए रात आठ से सुबह आठ बजे तक चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी अनिवार्य है। अब वाट्सएप से इसकी निगरानी होगी। रात 11 बजे व सुबह 6 बजे चिकित्सक को वार्ड में रहना होगा। उसकी तस्वीर समूह में साझा करनी होगी।
बीमारी की रोकथाम का प्लान
बीमारी की रोकथाम के लिए संयुक्त अभियान की योजना बनी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न विभाग से समन्वय बनाया है। पशुपालन व मत्स्य पालन, आइसीडीएस, पीएचईडी, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, जिला पंचायती राज, जिला शिक्षा विभाग, महिला समाख्या समिति, आपूॢत विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जिला वेक्टर जनित रोग विभाग की संयुक्त टीम बनी है। ये टीम अपने-अपने स्तर से जागरूकता अभियान चला रही है और आगे शोध में सहयोग करेगी।
जिलाधिकारी से लेकर अन्य अधिकारी जुड़े
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक इलाज की व्यवस्था है। वाट्सएप से निगरानी की व्यवस्था की गई है। ग्रुप में उनके साथ जिलाधिकारी से लेकर अन्य अधिकारी जुड़े हैं। सुबह छह, दोपहर दो व रात 11 बजे वार्ड में तैनात चिकित्सक को ग्रुप पर तस्वीर भेजनी होगी।
जिले में दस साल की स्थिति
वर्ष-मरीज--मौत-क्योर
2010-59--24 --35
2011-121-45---76
2012--336--120-216
2013-124--39-- 85
2014--701--90--611
2015--72--09----63
2016--31---04--27
2017--17---11--06
2018- 15---08--07
2019--431---111--320
2020 --09---03----04 (आठ मई तक)
बीमारी के लक्षण
- चमकी के साथ तेज बुखार, बेहोश होना व मुंह से झाग आना