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World Olympic day : जानिए, यहां किन विपरीत परिस्थितियों में तैयार की जा रही हॉकी की नई पौध

World Olympic day मिसाल पेश कर रहा एकलव्य हॉकी प्रशिक्षण केंद्र और पीएन मेहता हॉकी एकेडमी। तिरहुत एकेडमी व मुखर्जी सेमिनरी एक दर्जन बार जीत चुके हैं राज्य मेजर ध्यानचंद ट्रॉफी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:21 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 01:48 PM (IST)
World Olympic day : जानिए, यहां किन विपरीत परिस्थितियों में तैयार की जा रही हॉकी की नई पौध
World Olympic day : जानिए, यहां किन विपरीत परिस्थितियों में तैयार की जा रही हॉकी की नई पौध

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार में कहीं हॉकी जिंदा है तो सिर्फ मुजफ्फरपुर में। वह भी तब जब यहां न इसके लिए समुचित मैदान है और न ही सुविधाएं। विपरीत परिस्थितियों में भी दो संस्थाएं एकलव्य हॉकी प्रशिक्षण केंद्र एवं पीएन मेहता हॉकी एकेडमी इसकी पौध तैयार कर रही हैं। पिछले पांच सालों से कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा संचालित एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र और डेढ़ दशक से निजी क्लब पीएन मेहता हॉकी एकेडमी हॉकी को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेन वाली बिहार टीम में अधिकतर खिलाड़ी इन्हीं दो संस्थाओं के होते हैं। यही नहीं शहर के दो स्कूल मुखर्जी सेमिनरी व ललित नारायण तिरहुत एकेडमी अबतक एक दर्जन बार मेजर ध्यानचंद्र हॉकी का खिताब अपने नाम कर चुके हैं।

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किसी भी टीम के लिए चुनौती एकलव्य के खिलाड़ी

राज्य में हॉकी के विकास के लिए बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा 9 जून 2015 को सिकंदरपुर स्टेडियम में एकलव्य हॉकी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई। राज्यभर से आवासीय प्रशिक्षण के लिए तीन दर्जन खिलाडिय़ों का चयन किया गया। सेंटर में खिलाडिय़ों के रहने, खाने, चिकित्सा व पढऩे की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई गई।

हॉकी को हांक रही एकेडमी

राज्य विभाजन के बाद हॉकी का मुख्य केंद्र रांची चला गया। इस बीच भारतीय खेल प्राधिकरण ने सूबे में चार ट्रेनिंग केंद्रों की नींव रखी, लेकिन किसी केंद्र पर हॉकी को जगह नहीं मिली। ऐसे में बिहार में हॉकी को जिंदा रखने का बीड़ा मुजफ्फरपुर के खिलाडिय़ों ने ही उठाया। डेढ़ दशक से पीएन मेहता हॉकी एकेडमी राज्यभर से प्रतिभावान खिलाडिय़ों को तलाश कर तराश रही है।

पीएन मेहता हॉकी एकेडमी के निदेशक अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में कहीं भी हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं है। मुजफ्फरपुर में तो हॉकी के लिए सामान्य मैदान भी नहीं है। इसके बाद भी एलएस कॉलेज मैदान को किसी तरह तैयार कर स्थानीय खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

एकलव्य के कोच मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि उत्तर बिहार के खिलाडिय़ों में हॉकी के प्रति रुचि है। ऐसे खिलाडिय़ों को खोजकर एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है। एस्ट्रोटर्फ मैदान उपलब्ध हो जाए तो यहां के खिलाड़ी देश में परचम लहराएंगे।

एकेडमी की उपलब्धियां

- नौ बार ध्यानचंद अंतर जिला हॉकी प्रतियोगिता की मेजबानी, जिले की टीम आधा दर्जन बार चैंपियन।

- पंकज नाथ शर्मा 2003 में सब जूनियर एशिया कप के लिए आयोजित नेशनल कैंप के लिए चुने गए।

- विश्व कप हॉकी 2006 के लिए देश में टैलेंट हंट प्रतियोगिता के माध्यम से 45 खिलाड़ी चुने गए, जिसमें एकेडमी के खिलाड़ी राहुल पांडेय भी शामिल थे।

- वर्ष 2005 में कोरबा में आयोजित ग्रामीण नेशनल प्रतियोगिता में बिहार टीम ने पहली बार अंतिम चार में प्रवेश किया।

- वर्ष 2005 में एकेडमी के खिलाड़ी सूर्य नाथ शर्मा का चयन एसटीसी लखनऊ के लिए हुआ।

- वर्ष 2008 में जूनियर नेशनल में बिहार टीम तीसरे स्थान पर रही। टीम में एकेडमी के खिलाड़ी राम सिंह शामिल थे।


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