West Champaran मांग पूरी नहीं होने पर 22 मई से किसान महासभा शुरू करेगी आंदोलन
भाकपा माले सह किसान महासभा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार डीएपी खाद की कीमत 1200 रू प्रति बोरा से बढ़ाकर 1900 कर दिया गया। जिससे इस लॉकडाउन के बीच किसानों की कमर टूट जाएगी। ऐसे में खेत-खेती-किसानी सबको बर्बादी होगी।
पश्चिम चंपारण, जासं। किसान महासभा के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि इस कोरोना काल के संकट में भाजपा-जदयू सरकार की मदद से व्यापारी किसानों को लूटने में लगे हुए हैं, गेहूं खरीद की सरकारी घोषणा तक सीमित है, कहीं सरकारी रेट (1975 रू प्रति ङ्क्षक्वटल) पर कहीं भी गेहूं की खरीद नहीं हो रही है। व्यापारी किसानों को लूटने में लगे हुए हैं। श्री राव ने बताया कि मकई की न्यूनतम समर्थन मूल्य(1850) पर खरीद की घोषणा के बावजूद कहीं क्रय केंद्र नहीं खुला गया हैं। जो सरकारी खरीद प्रणाली को खत्म करने की मंशा साफ-साफ दिखाई दे रही है। भाकपा माले सह किसान महासभा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार डीएपी खाद की कीमत 1200 रू प्रति बोरा से बढ़ाकर 1900 कर दिया गया। जिससे इस लॉकडाउन के बीच किसानों की कमर टूट जाएगी। ऐसे में खेत-खेती-किसानी सबको बर्बादी होगी। किसान नेता ने समय सीमा के अंदर गेहूं खरीद कि गारंटी, मकई खरीद केंद्र खोलने, मसूर दाल का समर्थन मूल्य बढ़ाने और डीएपी खाद की कीमत में बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग की। कहा कि सरकार मांग पर विचार नहीं करेगी तो किसान महासभा के बैनर तले 22 मई से पूरे बिहार में चरणबद्ध आंदोलन की शुरु किया जाएगा।
मनरेगा योजना से मरम्मत होगा सिकटा नदी का ध्वस्त सुरक्षा बांध
सिकटा नदी का सुरक्षा बांध बाढ़ के कारण प्रत्येक साल ध्वस्त हो जाता है। हर साल मरम्मती भी होती है। बावजूद, बाढ़ की समस्या से किसानों समेत सिकटा व धर्मपुर के लोग तबाह रहते है। इसे नरकटियागंज एसडीओ श्रीमति साहिला ने गंभीरता से लिया है। बुधवार की शाम एसडीओ ने इस बांध का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में पाया कि यह बांध घोड़ासहन व त्रिवेणी नहर के बीच सिकटा नदी के पश्चिम तीन जगह व पूरब तरफ एक जगह ध्वस्त हो गया है। एसडीओ ने कहा कि इसका मरम्मत बाढ़ के पहले मनरेगा योजना से किया जाएगा। मनरेगा से कार्य होने से कोरोना महामारी में बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा। फिर बांध भी मजबूत बन जाएगा। मौके पर मौजूद उमेश सहनी, फागू पटेल, ध्रुव दास, सुरेश दास, सुरेश ठाकुर, अमरूद्दीन देवान, रजाक मियां, विरेश चौधरी, अर्सफी यादव आदि ने बांध की मरम्मति मजदूर से नहीं कराकर मशीन से कराने की मांग की। कहा कि हर साल मजदूर से बांध की मरम्मति होती है और बाढ़ में ध्वस्त हो जाती है। बीते वर्ष जनसहयोग से घोड़ासहन व त्रिवेणी नहर के बीच इस ध्वस्त बांध का मरम्मत कराया गया था। जिसमें तत्काल विधायक के समर्थकों ने जमकर राजनीति किया था। मनरेगा पदाधिकारी ने कुछ लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। एसडीओ ने त्रिवेणी नहर के उतरी तटबंध में सिकटा व धर्मपुर गांव के दक्षिण ध्वस्त तटबंध का भी अवलोकन किया। इसके पहले बलथर चौराहे पर कोरोना को मात देने के लिए मास्क का भी वितरण किया। मौके पर बीडीओ मीरा शर्मा, सीओ मनीष कुमार, दिलीप जयसवाल, मुखिया पति संजय साह, मनरेगा के कनीय अभियंता व रोजगार सेवक आदि मौजूद रहे।