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खुदीराम बोस के शहादत स्थल से नहीं होगी छेड़छाड़

शहीद खुदीराम बोस के शहादत स्थल पर जाने से एक ऊर्जा का एहसास होता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 08:00 AM (IST)
खुदीराम बोस के शहादत स्थल से नहीं होगी छेड़छाड़
खुदीराम बोस के शहादत स्थल से नहीं होगी छेड़छाड़

मुजफ्फरपुर। शहीद खुदीराम बोस के शहादत स्थल पर जाने से एक ऊर्जा का एहसास होता है। इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए इसे मुलरूप में बनाए रखना है। इससे छेड़छाड़ नहीं होगी। खुदीराम को फांसी दिए जाने के समय व्यवहार में लाए गए सामान मूल रूप में रखे गए हैं। इसपर लगातार ध्यान देने की जरूरत है। ताकि, वहां जाने पर लोगों को उनकी शहादत का एहसास हो। उन्हें जिस सेल में रखा गया था उसका स्वरूप बना रहे। इसका ख्याल रखना है।

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प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने समीक्षा के दौरान जेल प्रशासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा, शहीद खुादीराम बोस को फांसी दी गई। उस स्थल पर अधिक तामझाम की जरूरत नहीं है। सिर्फ मुल समय पर उपस्थित लोग उस बेला में शहीद को स्मरण करे। वह समय एहसास का है। मूल स्थान पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो। वह धरती गौरवांवित है जहां शहीद को फांसी दी गई।

शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर कई सूझाव भी आए। आयुक्त ने कहा कि अगले वर्ष से और गरिमामयी कार्यक्रम हो। इससे उर्जा मिलेगी। आयुक्त ने दो सप्ताह बाद फिर बैठक बुलाई है। अधिकारी समय से निपटाएं न्यायिक कार्य

अधिकारी कोर्ट केसों के लिए नियमित रूप से समय दें। उसका निष्पादन भी शीघ्र हो। आदेश भी तुरंत निर्गत करें। विलंब से लोगों में असंतोष होता है। सुदूर गांव से निर्धारित तिथि पर लोग न्यायालय में आते हैं। मगर, न्यायालय कार्य नहीं होने से उनमें असंतोष एवं अविश्वास का भाव होता है।

राजस्व न्यायालय में लंबित वादों की समीक्षा बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जुलाई में राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य सुनील कुमार सिंह की उपस्थिति में समीक्षा हुई थी। इसमें निर्देश दिए गए थे। मगर, इसके बाद भी लंबित वादों की संख्या में कमी नहीं आई है। इसमें तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो पदाधिकारी अपने कायरें के अतिरिक्त न्यायालय कार्य नहीं देख रहे है, उनपर कार्रवाई होगी।

अधिकारियों ने बताया कि अब दाखिल खारिज ऑनलाइन किया जा रहा है। कर्मचारी एवं अन्य स्तर पर प्रशिक्षण कार्य चलाये गए हैं। अभी गति नहीं आई है। जगह जगह कंप्यूटर की भी कमी है। सिलिंग की सुनवाई शुरू हो गई है। उसे निष्पादित किये जा रहे हैं। बैठक में प्रमंडल के सभी जिलों के अपर समाहर्ता, डीसीएलआर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


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