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चंद रुपये के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़, खटारा बसें भी चल रहीं ओवरलोड Muzaffarpur News

अधिकतर निजी बसें चल रहीं ओवरलोड यात्रियों की जान से हो रहा खिलवाड़। चंद रुपये के लिए यात्रियों की जान से खेलने से नहीं चूकते।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 08:28 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 08:28 AM (IST)
चंद रुपये के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़, खटारा बसें भी चल रहीं ओवरलोड Muzaffarpur News
चंद रुपये के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़, खटारा बसें भी चल रहीं ओवरलोड Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। खटारा बसें भी ओवरलोड हैं। यात्री छत पर बैठकर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। अधिकारी मौन हैं। अधिकतर निजी बसों में सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऊंची पहुंच के कवच की आड़ में परिवहन कानून तोडऩे वाले ऐसे बस संचालक जुर्माने से बेखौफ हैं। चंद रुपये के लिए यात्रियों की जान से खेलने से नहीं चूकते। कई बसों की छत पर दर्जनों की संख्या में यात्रियों को बैठाया जा रहा है।

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बैरिया, चांदनी चौक, भगवानपुर, जीरोमाइल चौक समेत कई जगहों पर ऐसे दृश्य आम हैं। इतना ही नहीं कई तो परमिट का भी उल्लंघन कर रहे हैं। कई के पास फिटनेस प्रमाणपत्र भी नहीं होता। वहीं दूसरी ओर फिटनेस केंद्रों द्वारा अनफिट वाहनों को भी फिट का प्रमाणपत्र दे दिया जाता है।

बैरिया बस पड़ाव की नहीं बदली सूरत

अंतरराज्यीय बैरिया बस पड़ाव में यात्रियों के लिए न कोई सुविधा और न सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम। यहां पेयजल का भी मुकम्मल इंतजाम नहीं है। इसके लिए लाखों रुपये खर्च हो गए, लेकिन यात्रियों की प्यास बुझाने में कामयाबी नहीं मिली। कई एकड़ में फैले पड़ाव में इक्का-दुक्का चापाकल ही सहारा हैं। यात्रियों के लिए बने शेड पर दुकानदारों का कब्जा है। रोशनी के लिए लगाई गईं दर्जनों वेपर लाइटें खराब पड़ी हैं। हाईमास्क के सहारे अंधेरा मिटाने की जद्दोजहद है। लाखों रुपये खर्च कर बनी सड़क व नाला बनने के साथ ही टूट गए।

यात्रियों को खींचते कंडक्टर व एजेंट

बसों के कंडक्टर व एजेंट यहां यात्रियों के साथ गलत व्यवहार करने से भी नहीं चूकते हैं। उनका हाथ पकड़कर जबरन बसों के अंदर किया जाता है। सीट नहीं मिलने पर भी उनको उतरने नहीं दिया जाता। विरोध पर मारपीट तक की जाती है। पटना रूट की बसों में इस तरह के मामले सबसे अधिक हैं।

समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर अब तक कार्य नहीं

बैरिया बस पड़ाव समिति की बैठक के बाद भी यहां की समस्याओं का निदान नहीं हुआ। इसमें लिए गए निर्णय अब तक अमलीजामा नहीं पहन सके। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यहां सुविधा को लेकर कई निर्णय लिए गए थे। यहां की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। इससे यात्री शेड पर यात्रियों को परेशानी होती है।

बैठक में लिए गए थे ये निर्णय

- महिला शेड का होगा निर्माण।

- बस पड़ाव से हटेगा अतिक्रमण।

- वैध दुकानों का फिर से होगा टेंडर।

- ठेला व अस्थायी दुकानदारों को पड़ाव में जगह देकर लिया जाएगा शुल्क।

- बंद रेस्टोरेंट का होगा टेंडर, यात्रियों को मिलेगी सुविधा।

- सुरक्षा को लेकर ओपी में 24 घंटे तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी।

- पेयजल, बिजली, रोड, नाला, जलजमाव की समस्या का होगा निदान।

- पड़ाव परिसर में लगेंगे एलईडी बल्ब, बनेंगे यूरिनल।

बेलगाम रफ्तार ले रही जान

दिल्ली जाने वाली बसों की अनियंत्रित रफ्तार लोगों की जान ले रही है। पिछले कुछ महीनों में इन बसों में हादसों की संख्या बढ़ रही है। इनके पीछे एक सबसे बड़ी वजह तेज व अनियंत्रित रफ्तार होती है। परिवहन विभाग मौन है। जबकि, विभाग द्वारा बसों की रफ्तार तय करते हुए इसे नियंत्रित करने के लिए बस समेत सभी कॉमर्शियल एवं निजी वाहनों में 'स्पीड गवर्नर' लगाने की व्यवस्था की थी। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बस समेत सभी व्यावसायिक वाहनों की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की थी। मगर, स्थिति यह है कि दिल्ली जाने वाली बसें 140-150 की स्पीड से चलती हैं। ऐसे में हादसों का होना स्वाभाविक है। परिवहन विभाग की मानें तो बस समेत अधिकतर कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लग चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि जब दिल्ली की बसों में भी स्पीड गवर्नर लगे हैं तो इनकी रफ्तार बेलगाम क्यूं है? 

टूरिस्ट परमिट पर चल रही दिल्ली बस सेवा

परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ा कर दिल्ली बस सेवा का संचालन हो रहा है। संचालकों के रसूख के आगे परिवहन अधिकारी बेबस हंै। ये बसें परमिट का उल्लंघन कर संचालित की जा रही हैं। टूरिस्ट परमिट पर बसों का संचालन हो रहा है। बैरिया बस पड़ाव से हर दिन करीब तीन से चार दर्जन बसों का परिचालन होता है। बताया जाता है कि इनमें अधिकतर यूपी से रजिस्टर्ड हैं। अधिकतर परमिट का उल्लंघन करते हैं। गोपालगंज के रास्ते सभी बसें बिहार में प्रवेश करती हैं। बस संचालक एक महीने के लिए 12 हजार रुपये शुल्क जमा करते हैं।

जिला परिवहन पदाधिकारी रजनीश लाल ने कहा कि दिल्ली जाने वाली बसों की जांच के आदेश दिए गए हैं। परमिट, स्पीड गवर्नर समेत सभी कागजात की जांच करने का आदेश अधिकारियों को दिया गया है। परमिट उल्लंघन को लेकर कई पर जुर्माना भी किया गया है।  


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