मुजफ्फरपुर के चामुंडा स्थान के बाद खगेश्वरनाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना में जुड़ा नाम। 27 किमी जिला मुख्यालय से रेलवे स्टेशन ढोली से 17 व दरभंगा एयरपोर्ट से 43 किमी की है दूरी। 5.54 एकड़ का बड़ा भू-भाग है मंदिर के पास रामायण और पुराण में भी है इसकी चर्चा।
मुजफ्फरपुर, [ प्रेम शंकर मिश्रा]। जिले के धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के तहत खगेश्वरनाथ मंदिर का भी चयन किया गया है। पर्यटन विभाग की पहल पर जिले से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। डीसीएलआर पूर्वी ने बंदरा अंचल के मतलूपुर स्थित उक्त मंदिर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की संभावना को दर्शाया गया है।
पर्याप्त आधारभूत संरचानएं
विदित हो कि पर्यटन विभाग के पत्र के आलोक में डीडीसी आशुतोश द्विवेदी ने खगेश्वरनाथ मंदिर के बारे में विवरण मांगा था। डीसीएलआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि महादेव का यह मंदिर ऐतिहासिक है। जिला मुख्यालय से 27 व एनएच 57 से 20 किमी इसकी दूरी है। निकटतम रेलवे स्टेशन ढोली से 17 और दरभंगा एयरपोर्ट से 43 किमी की दूरी है। इस तरह यहां सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इससे जुड़ी तीन धर्मशालाएं हैं। पर्यटन स्थल के रूप में इसके विकसित करने के लिए 5.54 एकड़ का बड़ा भू-भाग भी है।
पांच सौ वर्ष पुराना है मंदिर
मतलूपुर में स्थित यह शिव मंदिर पांच सौ वर्ष पुराना है। रामायण और शिव पुराण में इसकी चर्चा है। यहां से जुड़ी आस्था को लेकर कहा जाता है कि जनकपुर जाने से पहले श्रीराम और लक्ष्मण ने महर्षि विश्वामित्र के साथ भगवान शिव की पूजा की थी। इस स्थल को गरुड़ भगवान से भी जोड़ा जाता है।
पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर होना है निर्माण
करीब पांच सौ वर्ष पुराने इस मंदिर का निर्माण नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर होना है। पुराने मंदिर की जगह भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसकी आधारशिला भी रखी जा चुकी है। 27 नवंबर से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
जगदीशपुर बघनगरी के रामजानकी मठ का भी होगा विकास
मुजफ्फरपुर : सकरा के जगदीश बघनगरी स्थित रामजनाकी मठ (मिथिला पीठ) को भी पर्यटन विभाग विकसित करेगा। जिला से इसकी रिपोर्ट पर्यटन विभाग को भेजी गई थी। इसमें पर्यटकों की संभावित संख्या और राजस्व की प्राप्ति का आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया था। विभाग के सचिव कंवल तनुज ने जिलाधिकारी से इसकी फिर रिपोर्ट मांगी है। भेजे गए पत्र में उन्होंने उक्त स्थल को विकसित करने की आवश्यकता, भविष्य में राजस्व की प्राप्ति, राजस्व वृद्धि, देसी एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या एवं भूमि हस्तांतरण की स्थिति पर मंतव्य मांगा है।
सीएम के निर्देश के बाद और बढ़ीं उम्मीदें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग की समीक्षा बैठक में नए पर्यटन स्थलों का चयन कर उसका विकास कराने का निर्देश दिया था। उनके इस निर्देश के बाद जिले के कई स्थलों के विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं।