Karwa Chauth 2022 Muzaffarpur Moon rising time: इस खास मुहूर्त में चंद्रमा को अर्घ्य देकर संपन्न करें व्रत
Karwa Chauth 2022 Muzaffarpur Moon rising time करवा चौथ के व्रत में इसे आरंभ करने के साथ ही साथ शुभ मुहूर्त में संपन्न करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए आप जिस जगह रह रहे हों वहां के चंद्रोदय काल का पालन करना चाहिए।
मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। आज सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ करवा चौथ का व्रत कर रही हैं। यह भारत के अलावा उन सभी देशों में भी मनाया जा रहा है जहां भारतीय परिवार रह रहा है। इसे पति के लिए पत्नी के प्रेम का व्रत भी कहा जाता है। हालांकि अब कई जगहों पर पुरुष भी अपनी पत्नी के लिए यह व्रत करते हैं। करवा चौथ व्रत को आरंभ करने से अधिक महत्वपूर्ण इसका शुभ मुहूर्त में समापन करना माना जाता है। इसके लिए चंद्रोदय के सही समय का पालन किया जाता है। वह भी उस जगह का जहां आप रह रहे हों।
बादलों के बीच से चंद्रमा का दर्शन
यदि आज के मौसम की बात करें तो आज पूरे दिन में बारिश की आशंका बहुत कम है। आसमान में बादल जरूर छाए रहेंगे, लेकिन बारिश नहीं होगी। मौसम शुष्क रहेगा। शाम के समय ही बदलाव देखने को मिल सकता है। उस समय हवा की दिशा के बदलने के साथ बादल घना होने तथा कहीं-कहीं बूंदाबांदी का भी पूर्वानुमान है। इस स्थिति में हो सकता है कि इस बार मुजफ्फरपुर में व्रतियों को बादल के बीच से ही चांद का दर्शन करने का मौका मिले।
भगवान शिव की आराधना
अब हमलोग चंद्रोदय की बात कर लेते हैं। पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि व्रतियों के लिए शाम 07 बजकर 54 मिनट का समय सबसे उपयुक्त है। इस समय सही ढंग से पूजन करने के बाद व्रत संपन्न किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तीन राशि के स्वामी स्वगृही हैं। इसका बेहतर फल व्रतियों को मिलेगा। पति की लंबी आयु के साथ ही साथ समृद्धि आएगी। आज के दिन इस प्रकार की मान्यता है कि भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और भगवान कार्तिकेय की पूजा चंद्रोदय के निर्धारित समय से करीब एक घंटा पहले आरंभ कर देते हैं। सूर्योदय के पहले से आरंभ किया गया यह व्रत चंद्रोदय तक रहता है। चंद्रमा को देखने के बाद जल अर्पण किया जाता है। तदोपरांत व्रत को समाप्त किया जाता है।
पति की आयु लंबी होती है
करवा चौथ व्रत के बारे में मान्यता है कि इसके व्रति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। व्रत रखने वाली महिला के पति की आयु लंबी होती है। संतान सुख के साथ घर में समृद्धि आती है। शांति का वास होता है। कलह दूर होते हैं।