मांगों के समर्थन में एसकेएमसीएच व डीएमसीएच के डॉक्टर्स हड़ताल पर, चिकित्सा सेवा चरमराई
इलाज नहीं होने से मरीजों और परिजनों ने किया हंगामा। पीजी डॉक्टर्स ने भी मांगों के समर्थन किया प्रदर्शन। लगाए नारे। मरीजों में अफरातफरी मची रही।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अपनी मांगों के समर्थन में एसकेएमसीएच और डीएमसीएच के पीजी डॉक्टर्स सोमवार से हड़ताल पर चले गए। इससे चिकित्सा सेवा चरमरा गई है। यहां दूरदराज से आनेवाले मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी हो रही है। डीएमसीएच में नाराज मरीजों और परिजनों ने कुछ देर के लिए इमरजेंसी वार्ड के पास वाले चौक को जामकर नारेबाजी की। स्थिति को देखते हुए वहां पुलिस बल की तैनाती की गई है। गायनिक वार्ड के डिलेवरी रूम में सन्नाटा पसरा है।
वार्ड के ओपीडी को भी बंद कर दिया गया है। करीब 250 हड़ताली पीजी डॉक्टर्स ने सुबह नौ बजे ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में ताले जड़ दिए। साथ ही मांगों के समर्थन नारे लगाए। जेडीए के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि मांगों के समर्थन में प्राचार्य और सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम पहले ही दे दिया गया था।
उधर, एसकेएमसीएच में भी पीजी डॉक्टर्स ने काउंटर को बंद कराया। इसके बाद अस्पताल के मेन गेट पर प्रदर्शन व नारेबाजी की। वहीं, इलाज के लिए परेशान मरीजों ने भी कुछ देर के लिए हंगामा किया। हालांकि, सीनियर डॉक्टर्स सक्रिय दिखे।
बेतिया में हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने ठप किया ओपीडी, स्वास्थ्य सेवा प्रभावित
राज्य के मेडिकल कॉलेजों की पीजी सीटों पर एम्स के छात्रों के नामांकन के विरोध में स्थानीय गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान डॉक्टरों ने अस्पताल के ओपीडी को ठप कर दिया।
इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई और मरीजों में अफरातफरी मची रही। वहीं जूनियर डॉक्टरों ने परिसर में सरकार विरोधी जमकर नारे लगाए। जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि सरकार का निर्णय ग़लत है और इसको लेकर सरकार ने जल्द कोई पहल नहीं की तो वे लोग लंबी लड़ाई लड़ सकते हैं।
पीजी डॉक्टर्स की मांगें
बिहार राज्य कोटा की सीटों पर एम्स के छात्रों के नामांकन पर रोक लगाने, आइजीआइएमएस की तर्ज पर पीजी के स्टाइपेंड 5 लाख 5 हजार 560 हजार से बढ़ाकर 70, 80 और 90 हजार मासिक करने, सीनियर रेजिडेंट की अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 45 साल करने और पीजी डिग्री के बाद तय तीन साल के बांड को सीनियर रेजिडेंट में करने, इनकी पोस्टिंग मेडिकल कॉलेज में ही करने जैसी बातें शामिल हैं।