Move to Jagran APP

मधुबनी के रियाज को राष्ट्रपति कोविंद ने गिफ्ट की साइकिल, गांव में बधाई देने वालों का लगा तांता

राष्ट्रपति के हाथों मधुबनी के भगवतीपुर मनटोला निवासी रियाज को रेसिंग साइकिल मिलने से गांव में जश्न। पिता मो. रुस्तम ने दैनिक जागरण को दिया धन्यवादकहा-बेटे को साइकिल बकरीद का तोहफा

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 09:58 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 09:58 PM (IST)
मधुबनी के रियाज को राष्ट्रपति कोविंद ने गिफ्ट की साइकिल, गांव में बधाई देने वालों का लगा तांता
मधुबनी के रियाज को राष्ट्रपति कोविंद ने गिफ्ट की साइकिल, गांव में बधाई देने वालों का लगा तांता

मधुबनी [प्रदीप मंडल]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों रियाज को रेसिंग साइकिल मिलने के बाद उसके गांव भगवतीपुर में खुशी का माहौल है। शनिवार को उसके घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। माता-पिता इसके लिए दैनिक जागरण को धन्यवाद देते नहीं थक रहे। वे कहते हैं कि बकरीद पर यह किसी नायाब तोहफे से कम नहीं है। गांव का नाम रोशन होने से ग्रामीण भी खुशी से फूले नहीं समा रहे।

loksabha election banner

 जिले के पंडौल प्रखंड कीभगवतीपुर पंचायत के भगवतीपुर मनटोला निवासी मो. रुस्तम व मुन्नी खातून का 16 वर्षीय बेटा मो. रियाज चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। कोरोना संकट में काम छूटने पर अप्रैल के अंत में घर पहुंचे पिता कहते हैं कि दैनिक जागरण की वजह से यह खुशी मिली है। हर बाप अपने बच्चे को काबिल बनाना चाहता है। लेकिन, परिवार की हालत ऐसी है कि स्टेडियम की फीस तो दूर स्कूल की फीस देने में भी सक्षम नहींं हूं। पहले तो हम रियाज को साइकिलिंग से रोकते थे, लेकिन अब उसका सपना पूरा होना देखना चाहते हैं।

कर्ज व सरकारी राशन से चल रहा परिवार

मो. रुस्तम कहते हैं कि गांव में कोई कामकाज नहीं मिल रहा। पुश्तैनी दो-तीन कट्ठा जमीन है, जिसपर पत्नी कुछ साग-सब्जी उपजा लेती हैं। सरकार से मिल रहे राशन और कर्ज लेकर किसी तरह परिवार का गुजर-बसर हो रहा है। इंदिरा आवास से घर बना है। शौचालय योजना का लाभ मिला है। दो बेटियां व छोटा बेटा घर के पास स्थित मदरसे में पढ़ते हैं। जब ढाबा खुलने की सूचना आएगी तो काम पर चले जाएंगे। मुखिया सुनीता देवी कहती हैं कि यह हम सबके लिए गर्व की बात है। उसकी मेहनत युवाओं के लिए प्रेरणा है। जिला पार्षद मो. अकलुद्दीन ने कहा कि उसने क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

रियाज को साइकिलिंग का शौक बचपन से है। पिता के साथ गाजियाबाद में रहता है। दिल्ली के स्कूल में नौवीं में पढ़ाई करने के साथ काम में पिता की मदद भी करता था। साइकिलिंग में मेडल जीतने के बाद भी उनके पास साइकिल खरीदने के पैसे नहीं थे। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति ने साइकिल दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.