Move to Jagran APP

Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव पर रोजगार पड़ रहा भारी, नेताओं की अपील अनसुनी कर यहां से निकल रहे प्रवासी मजदूर

Bihar Assembly Elections 2020 को देखते नेताओं की टोलियां प्रवासी मजदूरों को मतदान के लिए रोकने की जुगत में हैं। लेकिन मजदूर यहां फाकाकशी की हालत देख पुन परदेस का रुख कर रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 09:34 AM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव पर रोजगार पड़ रहा भारी, नेताओं की अपील अनसुनी कर यहां से निकल रहे प्रवासी मजदूर
Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव पर रोजगार पड़ रहा भारी, नेताओं की अपील अनसुनी कर यहां से निकल रहे प्रवासी मजदूर

मधुबनी, [देवकांत मुन्ना]। आसन्न विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच परदेस में छूटे हुए अपने रोजगार को दुबारा पाने की चिंता इन्हें सता रही। कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन के दरम्यान परदेस से बड़ी तादाद में यहां पहुंचे प्रवासी श्रमिकों को मतदान के लिए यहां रुकने से श्रेयस्कर रोजगार के लिए पुन: परदेस जाना लग रहा है। इस तरह ये अब एक बार फिर अपना रुख परदेस की ओर करने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर विभिन्न दलें के नेताओं की टोली गांवों में पहुंचने लगी है और इन लोगों को चुनाव तक रुकने की पुरजोर अपील कर रही है। राजनीतिक दलों को इनमें एकमुश्त वोट बैंक दिखता है।

loksabha election banner

परदेस से बुलाहट को तरजीह

पेट की आग से परेशान प्रवासी मजदूर नेताओं की अपील, मनुहार से अधिक दूर परदेस में बैठे अपने मालिकों की बुलाहट को अधिक अहमियत दे रहे। दे भी क्यों ना, आखिर उनके पेट व परिवार का सवाल जो है। लॉकडाउन के दौरान वे किसी तरह अपने घर वापस तो आ गए, लेकिन यहां फाकाकशी के हालात देख एक बार फिर वापस जाने से खुद को रोक नहींं पा रहे।

मजदूर वर्ग की दशा दयनीय

कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए बार-बार के लॉकडाउन ने गरीब एवं मजदूर वर्ग की हालत खराब कर दी है। लॉकडाउन के कारण कई लोगों के रोजगार छिन गए और वे वापस अपने घरों को लौट आए। लेकिन, गांव में रोजगार नहीं मिलने से उनके सामने समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। शहर की नौकरी छूटी और गांव में पेट भरने का कोई जुगाड़ नहीं। सरकारी घोषणाएं कागजों पर दम तोड़ रहीं हैं। ऐसे में अपना व अपने परिवार का पेट भरने के लिए लॉकडाउन में वापस आए गरीब-मजदूर एक बार फिर परदेस की राह पर हैं।

निकलने लगा है मजदूरों का जत्था

एक बार फिर इन मजदूरों का जत्था दिल्ली, मुंबई, लुधियाना, पंजाब जैसे शहरों की ओर निकलने लगा है। झंझारपुर अनुमंडल क्षेत्र में लॉकडाउन से पूर्व एवं लॉकडाउन के बीच आने वाले हजारों प्रवासी मजदूरों की एक जैसी दर्द भरी कहानी है। अनुमंडल मुख्यालय से गुजर रहे एनएन 57 के मोहना चौक पर दिल्ली जाने वाली बस की प्रतीक्षा में अपने परिवार के साथ बैठे मोहना, भीठ भगवानपुर, मधेपुर, बेरमा आदि गांव के दर्जनों प्रवासी मजदूरों ने बताया कि गांव में रोजगार नहीं मिलने के कारण वे लोग पुन: अपना परिवार चलाने के लिए शहर की ओर जा रहे हैं। गांव में रह कर अपना और अपने परिवार के लोगों का भरण- पोषण करना संभव नहीं था। न यहां रोजगार मिला न जीने का कोई रास्ता। इधर, कंपनी में कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन लोगों को कार्य पर बुलाया गया है। ऐसी हालत में अपने गांव में रह कर भूखों मरने से बेहतर काम पर लौटना ही ठीक समझा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.