बोले जीतन राम मांझी, बिहार कोरोना महामारी से तबाह और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी घर में हैं बैठे
25 जून के बाद करेंगे महागठबंधन में रहने या छोड़ने का फैसला। नहीं बनी सहमति तो महागठबंधन से अलग भी हमारे पास कई विकल्प मौजूद।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी महागठबंधन में रहेगी अथवा नहीं रहेगी ,यह फैसला हम पार्टी के सुप्रीमों श्री मांझी 25 जून के बाद लेंगे। उन्होंने कहा कि वे हमेशा महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने भरोसा जताया कि इस माह में महागठबंधन के घटक दलों के नेता आपसी सहमति बनाकर आगे की रणनीति तैयार कर लेंगे। जिससे एनडीए को टक्कर देना सरल हो जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि सहमति नहीं बनने की स्थिति होती है तो हम का विकल्प खुला रहेगा। फिर हम अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
तेजस्वी पर साधा निशाना
रविवार को झंझारपुर से पटना लौटने के क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी अनंत कमतौल में मीडिया से मुखातिब हुए। श्री मांझी ने परोक्ष रूप से प्रतिपक्ष के नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। कहा कि बिहार कोरोना महामारी से तबाह हैऔर तेजस्वी घरों में बैठे हुए हैं। उन्हेंं गरीबों की दर्द को समझना चाहिए। सही बात कहने पर लोग उन्हेंं निशाना बनाते हैं। उनकी आलोचना की जाती है। लोग कहते हैं कि मैं बागी बन गया हूं। मैं मूल्यों की राजनीति का पक्षधर हूं। अच्छे कार्यो की तारीफ होनी चाहिए, इसका यह मतलब नहीं कि उनका रास्ता अलग हो गया है।
महागठबंधन को मजबूत बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि एनडीए वोट बैंक के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। एनडीए को परास्त करने के लिए महागठबंधन को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार कोरोना महामारी की चपेट में है। क्वारंटाइन सेंटरों में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। फर्जीवड़ा कर राशि को हजम किया गया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष रत्नेश पटेल, जिलाध्यक्ष शरीफुल हक, महानगर अध्यक्ष अमित विक्रम, प्रखंड अध्यक्ष लालबाबू आदि मौजूद थे।