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West Champaran: स्वावलंबन से पर्यावरण संरक्षण तक सफलता की कहानी लिख रही जीविका दीदियां

पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से जीविका दीदियों ने दीदी की नर्सरी की शुरुआत की। जीविका दीदियों के लिए यह एक वरदान साबित हुआ।एक ओर नर्सरी से दीदी को एक नया रोजगार का साधन मिला है तो दूसरी ओर पर्यावरण के सुरक्षा हेतु समझ विकसित हुई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 01:54 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 01:54 PM (IST)
West Champaran: स्वावलंबन से पर्यावरण संरक्षण तक सफलता की कहानी लिख रही जीविका दीदियां
जल- जीवन- हरियाली कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। कभी घर की चहारदीवारी मे कैद रहने वाली महिलाएं अभी समाज की दिशा और दशा सुधार रही है। सरकार की प्रायः सभी जनभागीदारी वाले अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं जीविका दीदियों की। याद होगा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीविका जीविका समूह का गठन किया गया था। तमाम तरह के सामाजिक बंधनों को तोड़कर महिलाएं समूह से जुड़ी थी। उस वक्त जिस समाज ने इन्हें रोका था, ये महिलाएं आज उसी समाज की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं।

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....और खुल गयी दीदी की नर्सरी

बिहार सरकार द्वारा पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने के लिए गत वर्ष जल- जीवन- हरियाली कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसके तहत बड़े पैमाने पर पौधारोपण कार्य का लक्ष्य रखा गया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से जीविका दीदियों ने दीदी की नर्सरी की शुरुआत की। जीविका दीदियों के लिए यह एक वरदान साबित हुआ।एक ओर नर्सरी से दीदी को एक नया रोजगार का साधन मिला है तो दूसरी ओर दीदियों में पर्यावरण के सुरक्षा और उसके संरक्षा हेतु समझ विकसित हुई है। इससे साल में दीदी 75 हजार से 1 लाख तक का लाभ कमा रही है।

दीदी की नर्सरी को वन विभाग का साथ

इस वर्ष रामनगर के सहारा ग्राम संगठन की प्रभावती देवी, अंजलि ग्राम संगठन मैनाटांड़ की लालपरी देवी, प्रगति ग्राम संगठन बगहा की सुगंधी देवी आदि द्वारा जिले में कुल 09 नर्सरी लगाए गए हैं। दीदी द्वारा वन विभाग के सहयोग से इस वर्ष नर्सरी में कुल 1.80 लाख पौधे लगाए गए है। वन विभाग द्वारा जीविका दीदी को तीन किस्तों में राशि देकर इनके पौधों का भी उठाव किया है। वर्तमान में वन विभाग द्वारा 6-18 महीना मे तैयार पौधों को प्रति पौधा 11 रुपये की दर से खरीदा जाता है। जबकि जीविका दीदी प्रति पौधा 5-6 रुपये की लागत आ रही है। इस प्रकार जीविका दीदी की नर्सरी के कार्य से अच्छी आमदनी हो रहै है।

जिले में 6.15 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य

हरित जीविका हरित बिहार कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष वन विभाग के सहयोग से पश्चिम चंपारण जिला में इस अभियान के तहत कुल 6 लाख 15 हज़ार पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसकी शुरुआत जीविका दीदियों ने पर्यावरण दिवस पर लगभग 42 हजार पौधा लगाकर किया है। अभियान में तेजी आए इसलिए जीविका दीदियों द्वारा पौधारोपण एवं जागरुकता अभियान चला कर वातावरण निर्माण किया जा रहा है।

हरियाली की अग्रदूत बनीं जीविका दीदियां

जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया कि इस साल वन विभाग के तरफ से कुल 6.15 लाख पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है जिसमें अमरुद के कुल 169714, आंवला के 36600, कटहल के 35800, आम के कुल 48300, जामुन के 48300, सहजन के 7000, सरीफा के 1500, शीशम के 5000, महोगनी के 84700 तथा सागवान के कुल 179018 पौधे जीविका दीदी को उपलब्ध कराया जाना है। वन विभाग के तरफ से पौधा वितरण की शुरुआत भी किया जा चुका है। दीदियों द्वारा पौधा भी लगाया जा रहा है। जीविका दीदी में पौधरोपण को लेकर काफी उत्साह है, इनके द्वारा पौधे की सुरक्षा के लिए स्थानीय संसाधनों से घेरा भी बनाया जा रहा है। इस प्रकार जीविका दीदियां अब हरियाली के अग्रदूत के रूप अब आगे आ रही है, जो प्रकृति की सुरक्षा की दृष्टि से काफी शुभ संदेश है।


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