School Reopening Guidelines: सरकारी स्कूलों में जीविका दीदी उपलब्ध कराएंगी बच्चों को दो-दो को मास्क
School Reopening Guidelines Muzaffarpur डीईओ ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कक्षा के हिसाब से 50 फीसद बच्चों की कक्षा लेने को कहा है। बचे हुए 50 फीसद की कक्षा अलगे दिन ली जाएगी। प्राइवेट स्कूल संचालक खुद करेंगे मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। चार जनवरी से खुल रहे स्कूलों को लेकर शिक्षा अधिकारियों ने सरकारी, प्राइवेट एवं कोचिंग संस्थान के प्राचार्यों के साथ बैठक तीन पालियों में बैठक की। गोला रोड स्थित डीएन हाई स्कूल में पहली पाली पूर्वी अनुमंडल के हाई स्कूलों की, दूसरी पश्चिमी अनुमंडल के हाई स्कूलों तथा तीसरी प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग संस्थानों के साथ हुई। इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल सलाम अंसारी, डीपीओ एसएसए, अमरेंद्र पांडेय, डीपीओ लेखा एवं योजना प्यारे मोहन तिवारी, डीपीओ स्थापना जमालुद्दीन, राजेंद्र सिंह सहित अन्य शिक्षा अधिकारी मौजूद थे। डीईओ ने सभी प्राचार्यों से सरकार के गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करने का आदेश दिया।
50 फीसद बच्चों की ही होगी उपस्थिति
डीईओ ने कहा कि, सरकारी स्कूलों में कक्षा के हिसाब से 50 फीसद बच्चों की कक्षा लेने को कहा है। बचे हुए 50 फीसद की कक्षा अलगे दिन ली जाएगी। वहीं इंद्रप्रस्थ इंटर नेशनल स्कूल सहित अन्य प्राइवेट स्कूल सिलेबस पूरा करने के लिए दो पालियों में स्कूलों का संचालन कराने की व्यवस्था करने के लिए बच्चे के स्वजनों से राय ले रहे हैं। बीमार बच्चों को स्कूल आने का कोई दबाव नहीं देगा। स्कूल में बीमार पडऩे पर सुरक्षित घर पहुंचाया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में दो दिनों मेें मास्क हो जाएगा उपलब्ध
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि, जीविका दीदी दो दिनों में सभी सरकारी स्कूलों के लिए मास्क उपलब्ध करा देंगी। बच्चों को दो-दो मास्क देना हैं। विद्यालय के छात्र कोष से सैनिटाइजर, थर्मल स्कैन आदि की व्यवस्था प्राचार्य कराएंगे।
निजी स्कूलों को खुद करनी है, सारी व्यवस्था
निजी स्कूल एवं कोचिंग संस्थानों को इन सारी चीजों की व्यवस्था खुद करनी है। स्कूलों में छह फीट की दूरी पर गोल घेरा बनाना है। बच्चों को मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराना है। थर्मल स्कैनर आदि सारी व्यवस्था उनकी रहेगी।
स्कूली बसों को बार-बार करें सैनिटाइज
बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने वाली बसों में चढऩे से पहले और उतरने के बाद भी सैनिटाइज करना है। बस में एक सीट पर एक ही बच्चे जाएंगे। सुविधा अनुसार स्कूल संचालक बच्चों के थर्मामीटर स्कैन से जांच कर विद्यालय में प्रवेश देंगे।