Jayprakash Narayan Jayanti: मुजफ्फरपुर में जेपी ने इस तरह 107 लोगों से करा लिया था अपराध से तौबा
Jayprakash Narayan Jayanti लोकनायक की पहल पर मुजफ्फरपुर में चला था अहिंसा का अभियान। जयप्रकाश नारायण का मुजफ्फरपुर से रहा है गहरा लगाव। जेपी ने मुशहरी में पड़ाव डाला था। उन्होंने गांव का विवाद गांव में सुलझाने के लिए ग्राम सभा की स्थापना की थी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Jayprakash Narayan Jayanti : लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रयोगस्थली रही मुजफ्फरपुऱ। जेपी ने मुशहरी में पड़ाव डाला था। उन्होंने गांव का विवाद गांव में सुलझाने के लिए ग्राम सभा की स्थापना की थी। अन्न की खपत कम करने के लिए मुठिया अभियान चलाया था, जिसमें लोग प्रति परिवार एक मुठी अनाज प्रतिदिन निकाल कर जमा करते थे और उस जमा अनाज से गरीबों या अपने खाने के उपयोग में लाया जाता था। उनका अभियान आज भी यहां के लोगों के दिलों में है। इसके साथ उन्होंने मीनापुर व बोचहां इलाके के अपराध यानी डकैती से जुड़े 107 लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आत्मसपर्मण कराया था।
गांधी संग्रहालय में हुआ था समर्पण कार्यक्रम
आत्मसमर्पण समारोह में शामिल रहे जेपी सेनानी रमेश पंकज ने बताया कि बात 1978 की है। जेपी ने संकल्प लिया कि जिले में अपराध की दुनिया में शामिल लोगों को मुख्यधारा में शामिल करना है। इस अभियान में जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष पचदही निवासी कामेश्वर ठाकुर, सरैया के कैलाश प्रसाद शर्मा, उत्तर प्रदेश जौनपुर के प्यारे मोहन त्रिपाठी, पूर्व विधायक कमल पासवान ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसमें मीनापुर, बोचहां इलाके के 107 लोगों की पहचान हुई। सभी लोगों को गांधी संग्रहालय पटना बुलाया गया। गांधी संग्रहालय पटना में मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, स्वतंत्रता सेनानी ध्वजा प्रसाद साहू व लोकनायक जयप्रकाश नारायण मंच पर बैठे। लोकनायक के सामने सभी ने हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वालों ने संकल्प लिया कि अब हम अपराध व ङ्क्षहसा के क्षेत्र में कोई काम नहीं करेंगे। शांतिमय उपाय से जीवन में बदलाव लाएंगे। जिन लोगों ने आत्मसमर्पण किया सबको पुनर्वासित भी किया गया। आवास से लेकर रोजगार के उपाय किए गए। पुर्नवास अभियान में मुजफ्फरपुर विकास मंडल व अवार्ड नामक संस्था की भूमिका रही।
मुजफ्फरपुर में लोकनायक से जुड़ी अब भी यादें
- मुशहरी में 65 पक्का चैनल वाला नलकूप लगवाया जो आज भी मौजूद है।
- जिला उद्योग केंद्र की स्थापना व उसका संचालन मुजफ्फरपुर विकास मंडल के जिम्मे रहा जो अब सरकार के हवाले है।
- वे बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ मातृ संस्था के नियामक मंडल सदस्य रहे।