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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: ब्रजेश ठाकुर के पास है करोड़ों की काली कमाई, जांच शुरू

बालिका गृह यौनशोषण कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की करोड़ों की काली कमाई की जांच शुरू हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 10:32 AM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 11:27 PM (IST)
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: ब्रजेश ठाकुर के पास है करोड़ों की काली कमाई, जांच शुरू
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: ब्रजेश ठाकुर के पास है करोड़ों की काली कमाई, जांच शुरू

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयकर विभाग के अन्वेषण ब्यूरो ने बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। इसके तहत बालिका गृह यौन हिंसा मामले में आरोपित जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर की चल-अचल संपत्तियों, सालाना रिटर्न में उल्लेखित व एनजीओ सेवा संकल्प की आय की जांच कर रही है।

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विभाग के रडार पर उत्तर बिहार में संचालित उसकी सभी संस्थाएं शामिल हैं। मालूम हो कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को ब्रजेश ठाकुर की संपत्तियों की जांच के आदेश दिए थे। उसपर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का भी मामला दर्ज है। 

काली कमाई का कुबेर है ब्रजेश ठाकुर

ब्रजेश ठाकुर ने पिछले पांच वर्षों में करोड़ों की चल और अचल संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ब्रजेश की संपत्ति का पता लगाने में जुटे हैं। जांच में ब्रजेश ठाकुर की अबतक करोड़ों की संपत्ति का पता चला है जिसमें ब्रजेश ने समस्तीपुर में करोड़ों के जमीन की खरीदारी की थी।

इसके साथ ही उसके  22 अकाउंट और 17 लॉकर की भी जांच हो रही है। ब्रजेश के पास 35 लक्जरी गाड़ियां  हैं। दिल्ली, मुजफ्फरपुर,पटना में कई जगहों पर उसकी संपत्ति की जांच शुरू हो गई है।

फर्जी नाम से हैं कई बैंक खाते

मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में अपनी सुपरविजन रिपोर्ट में इसकी चर्चा भी की है। सीबीआई को यह रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रजेश ठाकुर के फर्जी एनजीओ में उसके सगे-संबंधियों को ही वेतन भोगी कर्मचारी बना रखा था। उसका यह धंधा सिर्फ मुजफ्फरपुर बालिका गृह और महिला शेल्टर होम में ही नहीं, समस्तीपुर के वृद्धाश्रम में भी कायम था। उसने फर्जी नामों से कई बैंक खाते भी खोल रखे हैं।

इस सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसने एनजीओ के नाम से करोड़ों रुपए बनाए हैं, जिससे न केवल मुजफ्फरपुर में बल्कि पटना, दिल्ली, समस्तीपुर दरभंगा और बेतिया में भी करोड़ों की अचल संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई के हाथ लगी इस सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसकी इस काली कमाई में न केवल विभिन्न महकमो के आला अधिकारी बल्कि कई बैंकर्स भी शामिल हैं। 

15 दिनों से चल रही प्रक्रिया 

विभाग ने उक्त आदेश के आलोक में दूसरी जांच एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर उनकी रिपोर्ट का अध्ययन कर फीड बैक प्राप्त किया है। यह प्रक्रिया विगत 15 दिनों से चल रही है। इसके तहत कुल कितनी अचल संपत्तियां व भूमि कहां-कहां खरीदी गई। इसमें एनजीओ, ब्रजेश ठाकुर व उनके परिवार के नाम पर कौन-कौन सी संपत्ति हैं। कुल कितनी गाडिय़ां हैं। डीटीओ व रजिस्ट्री विभाग से संपर्क कर ब्योरा लेगी। 

प्राप्त आय के स्रोत का लेगा ब्योरा 

विभाग सेवा संकल्प के तहत चल रहे बालिका गृह, अल्पावास गृह, वृद्धाश्रम, खुला आश्रय एवं स्वाधार केंद्र को संचालित करने के लिए प्राप्त आय के स्रोत का ब्योरा भी लेगा। इस आय से संस्थाओं पर होने वाले खर्च के हिसाब-किताब व सेवा संकल्प के ऑडिट रिपोर्ट भी नजर है।

साथ ही यह भी देखा जाएगा कि जो राशि खर्च नहीं हुई और बैंक खाते में है, उसे आय की किस श्रेणी में रखा जाए। इसके अलावा ब्रजेश ठाकुर के सालाना रिटर्न व नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा राशि भी जांच के घेरे में है। आयकर अंवेषण के उपनिदेशक दीपक आनंद ने जांच होने की पुष्टि की है। 


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