फर्जी शिक्षक बहाली में तीन शिक्षा पदाधिकारियों पर शिकंजा, जल्द होगी कार्रवाई
तत्कालीन दो जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ स्थापना पर दोषियों को संरक्षण देने के साक्ष्य। 335 शिक्षकों के टीईटी प्रमाण-पत्र थे फर्जी। निर्देश पर नहीं हुई थी कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में शिक्षकों की फर्जी बहाली में दो तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी व एक अन्य वरीय शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इनके खिलाफ फर्जीवाड़ा के दोषियों को बचाने के साक्ष्य मिले हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने रिपोर्ट मांगी थी। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक संगीता कुमारी की जांच में उक्त तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने रिपोर्ट भेज दी है।
मालूम हो कि जिले में बहाल 335 शिक्षकों के टीईटी प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए थे। जांच में इसकी पुष्टि होने पर ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त कर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया था। वहीं इसमें शामिल कर्मचारियों व अधिकारियों पर भी प्राथमिकी कराने का निर्देश दिया गया था। मगर, इनके स्तर से कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी की जांच में इसकी पुष्टि की गई कि तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण कंठ, कामेश्वर कामती व डीपीओ स्थापना जियाउल होदा खां ने जान बूझकर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की।
इस रिपोर्ट के आधार पर तीनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर शिक्षा विभाग को भेजा गया है। इसी कड़ी में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण कंठ द्वारा दिए गए जवाब पर डीडीसी से मंतव्य की मांग की गई है।
अब भी सभी फर्जी शिक्षक बर्खास्त नहीं
फर्जी टीईटी पास होने का प्रमाण पत्र देकर शिक्षक बने 335 में से सभी की बर्खास्तगी अब तक नहीं हो सकी है। सौ के करीब अब भी सेवा में हैं।