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BRABU : पैट धांधली में राजभवन के आदेश पर जांच, जानें अब क्या होगा Muzaffarpur News

BRABU राजभवन ने दिया आदेशकहां क्या हुई गड़बड़ी और जिम्मेवार कौन जांच कर बताएं कुलपति। ओएमआर शीट नहीं पहुंचने पर फोटो कॉपी पर ली गई थी परीक्षा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 09:31 AM (IST)
BRABU : पैट धांधली में राजभवन के आदेश पर जांच, जानें अब क्या होगा Muzaffarpur News
BRABU : पैट धांधली में राजभवन के आदेश पर जांच, जानें अब क्या होगा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में जुलाई-अगस्त में आयोजित पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट) में धांधली की शिकायतों की राजभवन के आदेश पर अब जांच हो रही है। राजभवन ने कुलपति से जानना चाहा है कि कहां क्या और कैसी गड़बड़ी हुई तथा जिम्मेवार कौन हैं और क्या कदम उठाए गए।

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   धांधली को लेकर ही तीन-तीन बार परीक्षा रद हो चुकी है। चौथी बार परीक्षा कराने की तैयारी के बीच राजभवन से जांच के आदेश आए हैं। कुछ छात्र संगठनों ने ही परीक्षा में धांधली की शिकायत राजभवन से की थी। तत्कालीन कुलपति द्वारा शिकायतों को अनसुना करने के बाद छात्र राजभवन चले गए थे।

   मौजूदा कुलपति डॉ. आरके मंडल का कहना है कि राजभवन के आदेश पर इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की जा चुकी है। छठ पूजा बीतते ही कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। विश्वविद्यालय के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू, छात्र लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव सरदार, छात्र बिहार परिषद के अध्यक्ष संकेत मिश्रा, छात्र राजद के प्रधान महासचिव चंदन यादव ने परीक्षा में धांधली की शिकायत की थी।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर पैट एग्जाम लेने में नाकामी का आरोप लगाते हुए मंशा पर भी सवाल उठाया था। संकेत मिश्रा व चंदन यादव ने यहां तक कहा कि पूर्व से प्रश्नपत्र लीक था। क्योंकि, 50 में से 43 प्रश्नों का पिछली परीक्षा से दोहराया गया था।

डीन सोशल साइंस के नेतृत्व में जांच

डीन सोशल साइंस डॉ. सीकेपी शाही के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित हुई है। उसमें डिप्टी रजिस्ट्रार वन डॉ. उमाशंकर दास समेत डीन कॉमर्स डॉ.आले मुज्तफा, डीन साइंस डॉ. राजीव विमल तथा डीन एजुकेशन शामिल हैं। जांच टीम के एक सदस्य डॉ. दास ने कहा कि जांच शुरू हो चुकी है। एक चरण की बैठक भी हो चुकी है। जिसमें यह फीडबैक आया कि परीक्षा की नोडल अफसर डॉ. संगीता सिन्हा से भी रिपोर्ट ली जाए उसके बाद जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी।

अमूमन सभी केंद्रों पर हावी रही अव्यवस्था

छह केंद्रों- मुजफ्फरपुर में नीतीश्वर सिंह महाविद्यालय, एमडीडीएम व एलएनटी कॉलेज तथा वैशाली में आरएन कॉलेज, हाजीपुर, एलएन कॉलेज, भगवानपुर और पूर्वी चंपारण में एमएस कॉलेज, मोतिहारी में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। मगर, अव्यवस्था अमूमन सभी केंद्रों पर हावी रही। मोतिहारी में एमएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।

परीक्षा में सैद्धांतिक व वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में भी गड़बड़ी की शिकायत आई है। 21 जुलाई को ली गई परीक्षा जो बाद में रद हो गई, उसी से 50 में से 43 प्रश्न दूसरी बार बिल्कुल हूबहू पूछे गए थे। सिर्फ सीरियल नंबर में उलटफेर था। बहुवैकल्पिक प्रश्नों में से छह प्रश्नों के विकल्प सिर्फ अंग्रेजी ही थे। जबकि, अन्य ङ्क्षहदी व अंग्रेजी में पूछे गए। ङ्क्षहदी के 15 प्रश्न पूछे गए, जबकि दस ही पूछे जाने चाहिए थे। ऊपर से एक दीर्घउत्तरीय सवाल के लिए महज आठ मिनट की मोहलत मिली थी इस प्रकार 15 प्रश्नों के लिए 120 मिनट यानी दो घंटे छात्रों के लिए नाकाफी रहा।

नहीं पहुंच पाई थी ओएमआर शीट

मोतिहारी में एमएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पहली पाली की परीक्षा में छात्रों को जब पता चला कि ओएमआर शीट पहुंच ही नहीं पाई है, तो हल्ला-हंगामा करते हुए वाकआउट कर गए। प्राचार्य ने लिखित तौर पर कबूल किया कि समय पर ओएमआर शीट नहीं पहुंच पाई और इसके चलते परीक्षा स्थगित करनी पड़ रही है। उसी तरह दूसरे केंद्रों पर भी ओएमआर शीट पर ली जाने वाली पहली पाली यानी पेपर फस्र्ट की जगह सेकेंड पाली वाली पेपर सेकेंड की परीक्षा पहले लेनी पड़ी।

पहली पाली के लिए ओएमआर शीट समय पर नहीं पहुंच पाने से ये नौबत आई। पता चला एजेंसी ने ओएमआर शीट भेजी ही नहीं। अंतिम क्षण में ओएमआर शीट प्राचार्यों को ई-मेल पर प्राप्त हुई और कुलपति का आदेश आया कि उसी की फोटोकॉपी कराकर परीक्षार्थियों में वितरित कराई। ओएमआर शीट पर कहीं-कहीं सीरियल नंबर भी नहीं चढ़ पाए। उत्तरपुस्तिका भी पिछले साल की वितरित की गई।  


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