Coronavirus: डीएमसीएच में कोरोना जांच की रफ्तार धीमी, तीन की जगह दो शिफ्ट में हो रही जांच, जानिए
रात की शिफ्ट में नहीं रहता कोई आठ जिलों की जिम्मेदारी। प्रतिदिन 500 की जांच क्षमता 90 से 100 तक होती जांच।
दरभंगा, जेएनएन। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में जांच की रफ्तार बढऩी चाहिए, इसके विपरीत डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) में तीन की जगह दो शिफ्ट में ही जांच हो रही है। एक शिफ्ट में कोई कर्मचारी ही नहीं रहता।
डीएमसीएच में दो अप्रैल से कोरोना की जांच शुरू हुई थी। दो सप्ताह पूर्व जांच संख्या बढ़ाने के लिए तीन शिफ्ट में काम होने लगा। इसके लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों को मिलाकर 40 लोगों की ड्यूटी लगाई गई। चार-पांच दिनों तक कामकाज ठीक चला। इस कारण नौ जिलों से आए नमूनों की जांच रिपोर्ट उसी दिन मिल जाती थी। लेकिन, बाद में तीन की जगह दो शिफ्ट में काम किया जाने लगा। रात 10 बजे से सुबह आठ बजे तक की शिफ्ट में काम नहीं होता है।
शुरुआती दौर में एक शिफ्ट में 12 नमूनों के जांच की क्षमता थी। इसके बाद इसकी क्षमता 24 घंटे में बढ़ाकर 70 कर दी गई। 13 अप्रैल से इसकी जांच क्षमता प्रतिदिन 500 कर दी गई। लेकिन, इतनी जांच नहीं होती। इस समय दो शिफ्ट में औसतन 90 से 100 नमूनों की जांच होती है। अब तक करीब 16 सौ जांच हुई है।
इन जिलों के आते नमूने
यहां दरभंगा के अलावा मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज से जांच के लिए नमूने आते हैं। पहले मधुबनी जिले के नमूने भी यहीं आते थे, लेकिन छह दिन पूर्व उसे एसकेएमसीएच से जोड़ दिया गया। यहां हर दिन औसतन 90 से 100 नमूने जांच के लिए आते हैं।
प्राचार्य डॉ. एचएन झा कहते हैं कि कर्मियों को हिदायत दी गई है। काम में कोताही हुई तो स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।