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Muzaffarpur : गले में लीची फंसने से बच्ची की मौत मामले की जांच, बोले चिकित्सक बच्ची मृत ही आई थी

Muzaffarpur News टीम ने खंगाला इमरजेंसी व कोरोना जांच रजिस्टर मृत बच्ची के स्वजनों ने रखी अपनी बात टीम करेगी अस्पताल प्रबंधक से पूछताछ कोरोना जांच काउंटर पर गई टीम जांच करने वाले कर्मचारी से नहीं हुई मुलाकात ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:30 PM (IST)
Muzaffarpur : गले में लीची फंसने से बच्ची की मौत मामले की जांच, बोले चिकित्सक बच्ची मृत ही आई थी
सदर अस्‍पताल में बच्‍ची की मौत की हो रही जांच।

मुजफ्फरपुर, जासं। गले में लीची फंसने के बाद सदर अस्पताल पहुुंची राधा कुमारी की इलाज में लापरवाही की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की। शिकायतकर्ता व चिकित्सक का बयान लिया। जांच टीम में शामिल डा.महादेव चौधरी, डा.आरके सिंह व सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा.एनके चौधरी ने सभी पक्षों का बयान लिया। डा.महादेव चौधरी ने बताया कि स्वजन राधा कुमारी को इलाज के लिए एक जून को सदर अस्पताल लाए, लेकिन इमरजेंसी रजिस्टर और कोरोना जांच रजिस्टर में उसका नाम दर्ज नहीं है। डा.पीएन वर्मा ने जांच टीम को बताया कि बच्ची मृत ही आई थी। यहां उन्होंने देखकर स्वजन को सारी जानकारी दे दी। चिकित्सक से पूछताछ के बाद टीम कोरोना जांच काउंटर तक गई। लेकिन, एक जून को तैनात तकनीशियन से भेंट नहीं हो पाई। टीम के सदस्य सदर अस्पताल के प्रबंधक व तकनीशियन से बातचीत के बाद सिविल सर्जन को रिपोर्ट देंगे। जांच टीम के चिकित्सक ने बताया कि राधा कुमारी मामले इलाज में लापरवाही की शिकायत करने वाले पिता संजय राम, पूर्व जिला पार्षद जाप नेता मुक्तेश्वर ङ्क्षसह मुकेश व रानू शंकर का पक्ष भी जांच टीम ने लिया। डा.चौधरी ने बताया कि दो दिन के अंदर रिपोर्ट सीएस को दी जाएगी।

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इस तरह से चला घटना क्रम

मुशहरी थाना क्षेत्र रघुनाथपुर के संजय राम ने बताया कि उनकी बेटी सुबह में लीची गाछी में गई हुई थी। वहां लीची खाने के क्रम में बीज उसके गले में अटक गई। वह काफी परेशान थी। बच्ची को लेकर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे। वहां कार्यरत चिकित्सक ने कोरोना जांच कराने को कहा। काफी भीड़ होने के कारण वहां बेटी की स्थिति गंभीर हो गई। फिर इमरजेंसी में आए, लेकिन चिकित्सकों ने इलाज नहीं किया। इसी दौरान उनकी गोद में ही बच्ची की मौत हो गई। चिकित्सक और अन्य कर्मचारी ने बच्ची को हाथ तक नहीं लगाया। दम तोडऩे के बाद वे रोने-बिलखने लगे। अस्पताल में उपस्थित लोगों ने उन्हें समझा-बूझाकर शांत कराया। संजय ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की, लेकिन शव वाहन भी नहीं दिया गया। इसके बाद जैसे तैसे मृत बच्ची को गोद में लेकर ही घर गए। संजय ने कहा कि अपना पक्ष जांच टीम के सामने रख दिए हैं। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कहा कि कमेटी गठित कर जांच चल रही है। रिपोर्ट आने पर अगली कार्रवाई होगी।

जाप नेताओं ने लगाया लापरवाही का आरोप

जांच टीम को अपना पक्ष रखने आए जन अधिकार पार्टी के मुक्तेश्वर सिंह मुकेश रानू शंकर एवं शिक्षाविद राजेश शाही ने कहा कि प्रथम दृष्टया इलाज मे लापरवाही का मामला है। ऐसी लापरवाही सदर अस्पताल की दैनिक दिनचर्या है माहौल अराजक है। पार्टी सदर अस्पताल की व्यवस्था में परिवर्तन, मृतक के परिवार को मुआवजा दोषियों पर कार्रवाई के लिए शीघ्र ही आंदोलन की घोषणा करेगी। चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा।


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