मुजफ्फरपुर में गर्मी से पहले पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए पहल तेज
0621-3552758 कंट्रोल रूम का नंबर है। यदि कहीं भी चापाकल खराब है तो इस पर कॉल कर लोग उसकी स्थिति के बारे में जानकारी दे सक हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि 24 घंटे के अंदर-अंदर उसे ठीक कर दिया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। गर्मी शुरू होने से पहले पेयजल की समस्या को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। डीएम प्रणव कुमार के आदेश पर शहरी व ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए पहल तेज कर दी गई हे। मंगलवार को समाहरणालय परिसर से डीडीसी आशुतोष द्विवेदी एवं पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डीके चतुर्वेदी के द्वारा चापाकल मरम्मत दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इसके लिए जिलास्तरीय कंट्रोल रूम खोला गया है। खराब चापाकल की शिकायत मिलने पर 24 घंटे के भीतर उसकी मरम्मत कर दी जाएगी। इसके लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में 16 चापाकल मरम्मत प्रचार दल को रवना किया गया है।
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल का यह दल सभी औजार व मैकेनिक के साथ बारी-बारी से ग्रामीण इलाकों में जाकर वहां के खराब चापाकलों की मरम्मत करेगा। 0621-3552758 कंट्रोल रूम का नंबर है। इस पर कॉल कर लोग अपने गांव अथवा आस-पड़ोस के खराब चापाकल की स्थिति के बारे में जानकारी दे सकते हैं। यह नियंत्रण कक्ष सुबह 10 से शाम पांच बजे तक कार्य करेगा। दफ्तरी सुमित कुमार को नियंत्रण कक्ष की ड्यूटी पर लगाया गया है। मौके पर जिला जनसंपर्क अधिकारी कमल ङ्क्षसह के साथ पीएचडी विभाग के अन्य कर्मी तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
इन इलाकों इन कनीय अभियंता की ड्यूटी
मुशहरी ग्रामीण में सुरभी सुमन,सकरा में बृज बिहारी पासवान, बंदरा, मुरौल,पारू में सीमांत भूषण, बोचहां में कुमार गौरव, गायघाट, मोतीपुर, साहेबगंज में भिखारी राम,औराई, कटरा,मीनापुर में कुमार गौरव, कांटी, मड़वन, कुढ्नी में ङ्क्षपटू कुमार निराला, सरैया एवं मुशहरी शहरी में काजल शर्मा की ड्यूटी लगाई गई है।
आरटीपीएस काउंटर का नहीं मिल रहा लाभ
गायघाट, संस : प्रखंड क्षेत्र की अधिकतर पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर का लाभ लोगों को नियमित नहीं मिल रहा है। आठ पंचायत में आरटीपीएस चल रहा है। वहीं शेष में खानापूरी की जा रही है। प्रखंड की सभी 23 पंचायतों में काम करने के लिए कार्यपालक सहायकों की प्रतिनियुक्ति भी की गई, लेकिन अधिकतर पंचायतों में उपयोगिता शून्य साबित हो रही है। ग्रामीणों के मुताबिक बेरुआ, बलौरनिधी, रामनगर, कमरथू, जारंग पश्चिमी, केवटसा, बरुआरी, सुस्ता व लदौर पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर सरकारी निर्देश के आधार पर संचालित नहीं हो रहे हैैं। अन्य पंचायतों से विभिन्न कार्यों के लिए सैकड़ों लोग प्रखंड मुख्यालय का सहारा लेते हैं। बुजुर्ग, स्कूली बच्चों व महिलाओं को जाति, आवासीय, आय व जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और दाखिल खारिज आदि प्रखंड कार्यालय में जाकर काम कराने में परेशानी होती है। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार पासवान ने बताया कि सभी पंचायतों में कार्यपालक सहायकों की नियमित प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।