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    India-Nepal Border Open: बॉर्डर खोलने के आदेश के बाद भी भारतीय वाहनों का नेपाल में नहीं हो रहा प्रवेश

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Wed, 03 Feb 2021 12:47 PM (IST)

    India-Nepal Border Open करीब 11 माह के बाद नेपाल गृह मंत्रालय ने रक्सौल-वीरगंज बॉर्डर सहित कुल 30 बॉर्डर खोलने का दिया था आदेश। बॉर्डर खोलने का आदेश जारी होने के बाद भी भारतीय वाहनों का नेपाल में प्रवेश आसान नहीं।

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    भारत - नेपाल सीमा की तस्वीर। (जागरण आर्काइव)

    रक्सौल (पूर्वी चंपारण), जासं कोरोना संक्रमण काल में भारत-नेपाल सीमा सील था। भारत सरकार ने चार माह बाद बार्डर खोल दिया परंतु नेपाल सरकार के मंत्रिमंडल ने करीब एक सप्ताह पूर्व बार्डर खोलने का कुछ शर्तों के साथ खोलने का आदेश दिया है। इसके बावजूद भारतीय वाहनों का नेपाल प्रवेश फिलहाल नहीं हो रहा है। सीमावर्ती पर्सा जिला प्रशासन ने बताया कि अधिकृत रूप से पत्र नहीं  मिला है। जिसके कारण वाहनों का प्रवेश नहीं हो रहा है। बता दें कि कोविड-19 को लेकर 11 महीने बाद इंडो-नेपाल बॉर्डर को नेपाल गृह मंत्रालय ने रक्सौल वीरगंज बॉर्डर सहित कुल 30 बॉर्डर खोलने का आदेश जारी कर दिया। लेकिन बॉर्डर खुलने के बावजूद भारत से नेपाल जाना आसान नहीं है। नेपाल ने ऐसी शर्तें लागू की है जिसका पालन करना व्यवहारिक रूप से बहुत मुश्किल है। 

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     इस सबंध मधेशवादी दल के नेता मनोहर तिवारी उर्फ सिप्पू ने बताया कि नेपाल जाने के लिए आपको वेबसाइट ccmc.gov.np पर ऑनलाइन आवेदन कर नेपाल जाने का कारण और स्थल का विवरण देकर वेबसाइट के माध्यम से ई-पास के रूप में बार कोड लेना होगा। इसके साथ ही शर्तों के मुताबिक, आपके पास तीन दिन के अंदर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होना आवश्यक है। भूलवश अचानक बॉर्डर पर पहुंचकर नेपाल जाने की कोशिश करते है तो वहां पहले आपका कोविड टेस्ट किया जाएगा। जिसके बाद अगर रिपोर्ट पॉजिटिव निकलती है तो आपको आइसोलेशन या क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाएगा, जो नेपाल में शुल्क देय है। यानी उसका पैसा भारतीय लोगों से वसूल नेपाल सरकार करेगी। उक्त प्रक्रिया के बाद आप व्यक्तिगत तौर पर जा सकते है। वाहनों को नेपाल लेकर जाने की अनुमति नही है। जबकि नेपाल के नागरिक व्यक्तिगत और वाहन किसी भी तरह से बिना रोक-टोक भारत में आ-जा रहे है। उनको किसी टेस्ट या पास की जरूरत नहीं होगी।

    भारत से जुड़ा है नेपाल के 6 राज्यों का बॉर्डर 

    दोनो देशों के बीच करीब 1750 किलोमीटर लंबा बॉर्डर क्षेत्र है। जिसमें  छोटे-बड़े मिलाकर करीब 30 बॉर्डर है। नेपाल के सात राज्यों में से 6 राज्यों का बॉर्डर भारत से जुड़ा है। भारत के 4 राज्य बंगाल, बिहार, उत्तर  प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है। इस परिस्थिति में नेपाल के द्वारा दोनो देशों के बीच के रिश्तों को कानूनी बंधन में बांधने की साजिश चीन के इशारे पर नेपाल कर रहा है।

    भारतीय पर्यटकों के वाहनों पर प्रवेश अब भी नहीं

    सीमावर्ती क्षेत्र के लोग नेपाल नहीं जा रहे है। इस सम्बन्ध में तराई मधेश के जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन भी चुप्पी साधे हुए है। जिससे मधेश की जनता की बीच दूरी भी बढ़ रही  है। प्रतीत होता है कि यही स्थिति रही तो शादी संबंधों में भी कमी आएगी।जिससे रोटी बेटी का सम्बन्ध एक नेताओं के लिए जुमला बनकर रह जाएगा। चर्चा है कि नेपाल में चीन के इशारे पर भारत से जुड़े बार्डर को सख्ती बरती जा रही है।