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India-Nepal Tension: नेपाल ने सीमा पर बनाए पोस्‍ट व वाच टावर, आशंका यह कि कहीं चीन न करे उपयोग

India-Nepal Tension नेपाल ने बिहार में भारतीय सीमा पर वाच टावर व चौकियां बनाकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। इनका उपयोग भारत विरोधी संगठन व चीन कर सकते हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 08:40 PM (IST)
India-Nepal Tension: नेपाल ने सीमा पर बनाए पोस्‍ट व वाच टावर, आशंका यह कि कहीं चीन न करे उपयोग
India-Nepal Tension: नेपाल ने सीमा पर बनाए पोस्‍ट व वाच टावर, आशंका यह कि कहीं चीन न करे उपयोग

पूर्वी चंपारण/ पटना, जागरण टीम। India-Nepal Tension: भारत व नेपाल के हालिया तनाव के बीच बिहार में तीन दिनाें के भीतर दो विवाद खड़े हो गए। नेपाल ने पहले चंपारण क्षेत्र स्थित एक बांध की मरम्‍मत पर रोक लगाते हुए वहां के पांच सौ मीटर भूखंड पर अपना दावा किया। यह मामला सुलझा तो अब नेपाल पुलिस ने रक्सौल स्थित पनटोका बॉर्डर पर सरिसवा नदी के उस पार सीमा चौकी व वाच टावर स्थापित कर लिए हैं। रक्‍सौल अनुमंडल से लगी 60 किलोमीटर सीमा पर बनाए गए स्थाई और अस्थाई वाच टावर्स व चौकियों के माध्‍यम से नेपाल भारत पर नजर रखेगा। आशंका है कि इनका उपयोग भारत विरोधी संगठनों और चीन के सहयोग के लिए किया जा सकता है।

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सीमा पर बनाए एक दर्जन पोस्ट व वाच टावर

मिली जानकारी के अनुसार बिहार के रक्सौल स्थित पनटोका बॉर्डर पर पिलर संख्या 393/13 से 393/ 318 तक के बीच चार सहायक पिलर गायब हैं। यहां से लेकर पूरब में रक्सौल कस्टम तक छोटे -बड़े एक दर्जन अस्थाई पोस्ट व वाच टावर स्‍थापित कर दिए गए हैं। वहां नेपाल सशस्त्र पुलिस और जनपद पुलिस तैनात है।

रक्‍सौल से लगी 60 किलोमीटर सीमा पर नजर

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, नेपाल ने पर्सा जिला (वीरगंज) बॉर्डर के उक्त पिलर के अलावा अन्य सहायक पिलरों के पास दस गंज के पास भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। नेपाल ने रक्‍सौल अनुमंडल से लगी 60 किलोमीटर सीमा पर नजर रखनी शुरू कर दी है।

अतिक्रमण की पुष्टि नहीं, एसएसबी कर रही जांच

रक्सौल सीमावर्ती पनटोका पंचायत के कई लोगों का आरोप है कि नेपाल ने जिस जमीन पर वाच टावर बनाया है, वह उनके पुरखों की जमीन है, जिसके कागजात उनके पास हैं। हालांकि, एसएसबी व पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ने इस बाबत अभी कुछ नहीं कहा है। फिलहाल नेपाल द्वारा सीमा के अतिक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, एसएसबी भूमि की पैमाइश कर रहा है।

एसएसबी ने मुख्‍यालय को दी जानकारी

इस बाबत एसएसबी 47वीं बटालियन के कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा ने बताया कि घटना की सूचना मुख्यालय को दे दी गई है। जांच भी शुरू कर दी गई है। रक्सौल की अनुमंडल पदाधिकारी आरती ने कहा कि यह प्रशासन नहीं, एसएसबी का मामला है। रक्सौल के डीएसपी संजय कुमार झा ने बताया कि पुलिस आंतरिक सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। नेपाल ने नो मैंस लैंड के पास अपने क्षेत्र में पुलिस चौकी का निर्माण किया है।

दो दिन पहले रोकी थी बांध की मरम्‍मत

विदित हो कि इसके दो दिन पहले नेपाल ने चंपारण क्षेत्र स्थित एक बांध की मरम्‍मत पर रोक लगाते हुए वहां के पांच सौ मीटर भूखंड पर अपना दावा किया था। यह बांध नेपाल से आने वाली लालबकेया नदी (Red Bakaya River) पर पहले से ही है। इस घटना से नेपाल व भारत में नया तनाव पैदा हो गया। बाद में यह मामला सुलझा लिया गया। अब नेपाल ने बांध की मरम्‍मत की अनुमति दे दी है।

जानिए, भारत-नेपाल विवाद का मूल कारण

दरअसल, भारत व नेपाल के बीच हाल के दिनों में लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा को लेकर सीमा विवाद खड़ा हो गया है। साल 1816 में बिहार के पूर्वी चंपारण के सुगौली में भारत व नेपाल के बीच सुगौधी की संधि हुई थी, जिसके अनुसार दोनों देशों की सीमाएं तय की गईं। इसके अनुसार काली नदी के उद्गम स्थल को भारत और नेपाल की सीमा माना गया, लेकिन नदी के उद्गम स्‍थल को लेकर दोनों दोनों देशों की अलग-अलग राय है। नेपाल भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा पर दावा कर रहा है।

तनाव का बिहार-नेपाल सीमा पर भी असर

दोनों देशों के बीच इस कारण उपजे तनाव का असर बिहार-नेपाल सीमा पर भी स्‍पष्‍ट दिख रहा है। हाल में सीतामढ़ी के कुछ ग्रामीणों को नेपाल पुलिस ने बंधक बनाकर पीटा तथा उनपर गोलीबारी कर एक की हत्‍या कर दी। फिर बाढ़ के ठीक पहले बांध की मरम्‍मत रोकी। अब उसने सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी है।

नेपाल में चीन बढ़ा रहा अपना प्रभाव

नेपाल का भारत के लिए बड़ा महत्‍व है। यह चीन व भारत के बीच स्थित बफर व लैंडलॉक देश है। यह लंबे समय से भारत का मित्र रहा है। भारत ने भी नेपाल के विकास में योगदान दिया है। पर, इन दिनों वहां चीन अपना प्रभाव बढ़ाया है। नेपाल से हालिया तनाव के पीछे चीन का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। हाल में भारत व चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में झड़प भी हो चुकी है।


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