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बूढ़ी गंडक के खतरे के निशान के पार जाते ही शहर पर बढ़़ा दबाव, रघई में कटाव Muzaffarpur News

मीनापुर के रघई में दो घर सहित दर्जन भर पेड़ तेज धार में बहे। खतरे के निशान पार करने के साथ ही विभाग चौकस।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 02:03 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 02:45 PM (IST)
बूढ़ी गंडक के खतरे के निशान के पार जाते ही शहर पर बढ़़ा दबाव, रघई में कटाव Muzaffarpur News
बूढ़ी गंडक के खतरे के निशान के पार जाते ही शहर पर बढ़़ा दबाव, रघई में कटाव Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बूढ़ी गंडक और बागमती नदी में उफान जारी है। शहर से सटकर गुजरने वाली बूढ़ी गंडक व बागमती नदी खतरे का निशान पार कर गई है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान सेदस सेंटीमीटर ऊपर यानी 52.63 पर पहुंच गया है। बूढ़ी गंडक ने रघई गांव में कटाव शुरू कर दिया है। नदी के किनारे बसे वार्ड 11 व 12 पर खतरा है।

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जलस्तर 13 सेमी ऊपर

बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.63 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर पर चिह्नित है। जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 13 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। इधर बागमती का जलस्तर 55.73 मीटर पर चल रहा है, जबकि खतरे का निशान 55.70 मीटर है। जलस्तर बढऩे से शहर पर दबाव बढ़ रहा है। निचले इलाके से लोगों का पलायन शुरू हो गया है।

वे बांध पर शरण ले रहे हैं। बूढ़ी गंडक बांध में मीनापुर के डुमरिया, बड़ा भारती, मोतीपुर के मोरसंडी, पहाड़चक तथा सिकन्दरपुर के कुंडल में दबाव बना हुआ है। अभियंताओं का दल लगातार निगरानी कर रहा है। कार्यपालक अभियंता अबरार अरशद ने बताया कि बांध पर निगरानी की जा रही है। कटाव से बचाव के लिए टीम को लगाया जा रहा है। जलस्तर स्थिर हो गया है। नदियों के खतरे के निशान पार कर जाने के बाद ज्यादा सजगता रखी जा रही है। इधर, सहायक अभियंता ई. कपिलदेव कुंवर, कनीय अभिंयता ई. सुनील कुमार की देखरेख में बांधों पर पेट्रोलिंग की जा रही है। 


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