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जानिए कैसे मिट्टी जांच से बढ़ा उत्पादन, लौटी किसानों में खुशहाली Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर के सभी 16 प्रखंडों के एक-एक गांव में चल रहा अभियान 1888 किसानों के बीच स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित। प्रयोगशाला में पहुंच किसान खुद करा रहे मिट्टी की जांच।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 11:22 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 11:22 AM (IST)
जानिए कैसे मिट्टी जांच से बढ़ा उत्पादन, लौटी किसानों में खुशहाली Muzaffarpur News
जानिए कैसे मिट्टी जांच से बढ़ा उत्पादन, लौटी किसानों में खुशहाली Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मिट्टी जांच के बाद उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। मुशहरी निवासी संजय कुमार नामक किसान वर्ष 2015 से ही मिट्टी जांच प्रयोगशाला मुशहरी से मिट्टी की जांच करा वैज्ञानिकों द्वारा टिप्स लेकर खेती की। पहले एक कट्ठा जमीन में 80 किलोग्राम मक्के की उपज थी, अब डेढ़ क्विंटल मक्का उपजा रहे हैं। बताते है कि वह 22 एकड़ जमीन में धान, गेहूं और मक्का की खेती करते है। वे लीची की बागवानी भी करते हैं। पहले जिस जमीन में 13 क्विंटल गेहंू होता था, अब 20 क्विंटल होता है। पहले 30 क्ंिवटल मक्का उपजाते थे, मिट्टी जांच के बाद 40 क्विंटल उपज हो रही है। पहले 17 से 18 क्ंिवटल धान उपजाते थे, अब हाईब्रीड धान की 28 से 30 क्विंटल उपज होती है। उनकी खेती, अब इलाके में नजीर बन गई है।

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 किसानों की आय दोगुना करने के प्रधानमंत्री के सपनों और किसानों की उम्मीदों को साकार करने में कृषि विभाग जुटा है। मिट्टी की जांच कर किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड के रूप में संजीवनी दी जा रही है। अब किसान खुद जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला मुशहरी पहुंच कर मिट्टी की जांच करा रहे हैं। साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी प्राप्त कर रहे हैं। अब तक जिन किसानों ने मिट्टी की जांच कराई है, उपज में क्रांतिकारी बदलाव आया है।

मिट्टी जांच कराने में मुशहरी के किसान अव्वल

मिट्टी जांच कराने में मुशहरी के किसान अव्वल है। मुशहरी के छपरा मेघ के 217 किसानों ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कराए है। जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला द्वारा जिले के सभी 16 प्रखंडों के एक-एक गांव का चयन किया गया है। इसके तहत कुल 2945 होल्डिंग से 2945 नमूना लिया गया है। इनमें 3103 संग्रहित नमूनों में से 2372 नमूनों की प्रयोगशाला में जांच की गई। 2226 नमूनों का विश्लेषण किया गया। जबकि, 1888 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।

 इसके तहत मुरौल के चिमनापुर में 65, सकरा के चकफिरोज में 121, बंदरा के गोविंदपुर छपरा में 144, बोचहां के गरहां में 147,  गायघाट के सेनिया में 95, कटरा के मधेपुरा में 171, औराई के डेकुली खुर्द में 33, मीनापुर के रामपुर हरी में 155, कांटी के नरसंडा में 48,  पारू के सखड़ा रघुनाथपुर में 210, साहेबगंज के देवधारा में 42, सरैया के सरैया उर्फ विशनपुर केशव में 188, मड़वन के बहोरा में 110 व कुढऩी के माधोपुर कर्पूर में 111 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है।

 जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायकर सायन निदेशक भूदेव राणा यशू ने बताया कि हर किसी किसान के लिए मिट्टी की जांच जरूरी है। जिस किसान ने मिट्टी की जांच कराने के बाद खेती की है, उनकी खेत से फसल का बेहतर उत्पादन हुआ है। पहले किसान अधिक पैदावार के लिए अधिक रसायनिक खाद का उपयोग करते थे। इसमें अधिक खर्च आता था। मिट्टी जांच के बाद जरूरत के अनुसार ही रसायन का उपयोग करना पड़ता है। जबकि उपज में भी वृद्धि होती है।


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